
हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार दोपहर बाद दो बजे से शुरू होने जा रहा है। कोरोना काल में जहां सत्र पहली बार विशेष सजगता और तैयारियों के बीच आयोजित होने जा रहा है, वहीं इसके हंगामेदार रहने के भी आसार हैं। सत्र में कोरोनाकाल में हुई स्वास्थ्य विभाग में खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी, एक कैबिनेट मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप, अफसरों की मनमानी और फर्जी गरीब अफसरों के मुद्दे गूंजेंगे।
विपक्ष ने सरकार को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, रिक्तियों, आर्थिक कुप्रबंधन जैसे कई मुद्दों को हथियार बनाकर घेरने की भी रणनीति बनाई है। हालांकि सत्ता पक्ष ने भी कांग्रेस के पिछले शासनकाल की नाकामियां गिनाकर विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है। सात सितंबर को शुरू होने जा रहा सत्र 18 सितंबर तक चलेगा। सोमवार को दो बजे के बाद इस सत्र का आरंभ दिवंगत विधायकों के शोकोद्गार से होगा। इसके बाद प्रश्नकाल होगा।
मंगलवार से आगामी दिनों की सदन की बैठकें सुबह 11 बजे से होंगी। सूत्रों के अनुसार विपक्ष ने पहले दिन शोकोद्गार के बाद से ही सत्तापक्ष को घेरने की रणनीति बना ली है। विपक्ष ने सरकार को प्रदेश की आर्थिक स्थिति बदहाल होने, केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी प्रतिपूर्ति और अन्य आर्थिक मदद बंद करने, कैबिनेट मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने, कोरोना काल में खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी, फर्जी गरीब अफसरों का मामला, एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द होने जैसे कई मामलों पर घेरने की रणनीति बनाई है। सचिवालय को अब तक 800 से ज्यादा सवाल प्रश्नकाल के लिए मिल चुके हैं। करीब एक दर्जन विषयों पर अलग-अलग नियमों में चर्चा मांगी गई है।
इसमें विपक्ष के विधायकों के अलावा सत्तापक्ष के विधायकों ने भी सवाल लगाए हैं। इनमें से विधायकों के अपने हलकों की सड़कें, पानी और अन्य समस्याओं पर सवाल हैं। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को भाजपा और कांग्रेस विधायक दल की बैठकें हुईं। जहां विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर विधायकों को आक्रामक रवैया अपनाने के निर्देश दिए हैं, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी मंत्रियों को संभलकर जवाब देने और विपक्ष के किसी भी वार का जमकर पलटवार करने को कहा है।
FROM - HIM NEWS
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