
उपमंडल सरकाघाट की पिंगला पंचायत में एक परिवार जंगल में झोंपड़ी बनाकर अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर है। सुरेंद्र कुमार नाम का यह व्यक्ति अपनी 2 वर्षीय बेटी और पत्नी के साथ वर्तमान में रिस्सा पंचायत के गांव छिंबा बल्ह में धरयाला नामक स्थान पर निवास कर रहा है। इस परिवार की विडंबना यह है कि सुरेंद्र कुमार के पिता ने 2 शादियां की हैं और सुरेंद्र कुमार उसकी पहली पत्नी की संतान है। पिता की भी मृत्यु हो गई है और सौतेली मां ने उसे घर से निकाल दिया है, जिसके चलते वह अपनी 2 वर्ष की बेटी और पत्नी रीना देवी के साथ जंगल में झोंपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है। पिंगला पंचायत की प्रधान अनीता शर्मा ने बताया कि सुरेंद्र कुमार अपनी नशेड़ी आदतों के कारण कभी-कभी घर भी नहीं आता है और उसकी पत्नी को अकेले ही अपनी 2 वर्षीय बेटी को लेकर रात गुजारनी पड़ती है।

न बिजली और न ही नल
पंचायत प्रधान ने बताया कि सुरेंद्र कुमार ने न अपना आधार कार्ड बनाया है और न ही उसका कोई बैंक अकाऊंट है। झोंपड़ी में न तो बिजली है और न ही नल है। इस परिवार को वर्ष 2019 के नवम्बर महीने में बीपीएल परिवारों की सूची में डाल दिया गया है और उसके घर के लिए भी पंचायत द्वारा राजीव गांधी आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए अनुशंसा कर दी गई है। इस परिवार के सदस्यों के आधार कार्ड और बैंक खाते खुलवाने का बीड़ा समाजसेवी सुनील कुमार शर्मा ने उठाया है और उसने क्षेत्र के लोगों से परिवार की आर्थिक सहायता करने का भी अनुरोध किया है।
क्या कहते हैं बीडीओ
खंड विकास अधिकारी गोपालपुर त्रिवेंद्र चनौरिया ने बताया कि सुरेंद्र कुमार को घर बनाने के लिए सरकार से राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
FROM - HIM NEWS
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