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Thursday, July 30, 2020

कोरोना काल में बंद पड़े होटलों पर अब बिजली बिलों की मार, कारोबारी परेशान

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बिजली का बिल
कोरोना काल में हलकान होटलियर्स पर अब भारी-भरकम बिजली बिलों की मार भी पड़ने लगी है। बिजली बिलों की वसूली को विद्युत बोर्ड ने होटल कारोबारियों पर शिकंजा कस दिया है। प्रदेश में कोरोना संकट के चलते बंद पड़े होटलों पर करोड़ों की बिल अदायगी लंबित है। बकाया राशि की वसूली को बोर्ड ने होटलियर्स को नोटिस थमा दिए हैं। 15 दिन में बिल भुगतान न होने पर कनेक्शन काटने की चेतावनी दी गई है।
कुल्लू जिले में करीब 800 होटल, होम स्टे, दुकानदारों और रेस्ट हाउस के पास बोर्ड की लगभग पांच करोड़ की राशि फंसी है। बोर्ड ने 660 होटलों को नोटिस देकर 15 दिन में बिल की बकाया राशि जमा करने को कहा है। बोर्ड को सबसे ज्यादा झटका पर्यटन नगरी मनाली में लगा है। यहां करीब 550 होटलों व रेस्टहाउस, दुकानदार व होमस्टे के पास लगभग तीन करोड़ के बिलों की राशि लटकी है। बोर्ड ने मनाली शहर के करीब 300 और ग्रामीण इलाकों के लगभग 250 होटलों को नोटिस दिए हैं।
पार्वती घाटी में भी 120 से अधिक व्यवसायियों को नोटिस थमाकर 26 लाख की राशि 15 दिन में जमा करने के निर्देश दिए हैं। बंजार में भी पर्यटन कारोबारियों पर लाखों के बिल बकाया है। बिजली बोर्ड के अधीक्षण अभियंता संजय कौशल के अनुसार कुल्लू सर्किल में बकाया बिल की करीब 13 करोड़ की राशि फंसी है।उधर, पर्यटन नगरी डलहौजी में 100 होटलों के बिजली बिलों के रूप में अमूमन 15 लाख की बकाया राशि शेष है। हालांकि, होटल कारोबारियों को अभी नोटिस जारी नहीं किए गए हैं। पहाड़ों की रानी शिमला के होटल कारोबारी भी बिजली बिल भुगतान को लेकर परेशान हैं। शिमला में 4 माह से ज्यादा समय से होटल बंद हैं। बावजूद इसके विद्युत बोर्ड होटलों को हर महीने 15 से 20 हजार के बिजली बिल जारी कर रहा है। समय पर बिल जमा न होने की स्थिति में कनेक्शन काटने के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन शिमला के अध्यक्ष संजय सूद का कहना है कि बिजली बोर्ड हर महीने होटलों को औसतन 15 से 20 हजार के बिल जारी कर रहा है।
धर्मशाला-मंडी में समय पर हो रही अदायगी
प्रदेश के सबसे बड़े कांगड़ा जिले में लॉकडाउन के चलते महीनों से बंद होटलों को नियमित समय अंतराल में बोर्ड बिजली के जारी कर रहा है। कांगड़ा के होटल कारोबारी समय पर ही अपने बिल जमा करवाते रहे हैं। बकाया बिलों को लेकर बोर्ड की ओर से फिलहाल, कोई नोटिस नहीं दिया गया है।

मंडी में ऐसा कोई होटल नहीं है, जिसके बिजली के बिलों की भारी भरकम अदायगी बाकी हो। दूसरी ओर, मंडी के होटल संचालक भी समय पर बिलों की अदायगी कर रहे हैं। एसडीओ शैलेश्वर राणा के अनुसार मंडी में अधिकांश होटलों के बिजली के बिलों का भुगतान निरंतर हो रहा है।


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