
हिमाचल और बाहरी राज्यों में स्थित निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों को राहत मिली है। सीबीआई ने शिक्षा निदेशालय को शैक्षणिक सत्र 2017-18 और 2018-19 की छात्रवृत्ति देने को हरी झंडी दे दी है। निदेशालय ने छात्रवृत्ति देने के नियम कड़े कर दिए हैं। अब निजी संस्थानों को शपथपत्र देने के बाद पैसा जारी होगा। 250 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले से सबक लेते हुए उच्च शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2017-18 और 2018-19 का पैसा जारी करने से पहले सभी संस्थानों से रिकॉर्ड अपलोड करने को कहा है। एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में नया बदलाव किया है। सीबीआई जांच के चलते निदेशालय ने निजी संस्थानों को इन वर्षों की छात्रवृत्ति जारी करने का काम रोक दिया था।
निजी शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति लेने से पहले विद्यार्थी की पासपोर्ट साइजफोटो, आधार कार्ड, आय प्रमाणपत्र, एससी/एसटी, ओबीसी प्रमाणपत्र, हिमाचली बोनाफाइड प्रमाणपत्र, आधार नंबर से जुड़े बैंक खाते की फोटो कॉपी, 75 फीसदी हाजिरी का प्रमाण, जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उससे पहले की कक्षा के परीक्षा परिणाम की फोटो कॉपी, 2017-18, 2018-19 के परीक्षा परिणाम की फोटो कॉपी, सरकार से मंजूर फीस स्ट्रक्चर की कॉपी, जिस कोर्स की छात्र पढ़ाई कर रहा है, उसके लिए सरकार द्वारा संबंधित संस्थान को अधिकृत सीटों की जानकारी देनी होगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि जैसे-जैसे संस्थानों का ब्योरा प्राप्त होगा, छात्रवृत्ति भी जारी कर दी जाएगी।
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