शिमला। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आज आयोजित की गई बैठक संपन्न हो चुकी है। दोपहर तीन बजे के बाद राज्य सचिवालय में इस बैठक का आयोजन किया गया।
इस कैबिनेट की बैठक में सरकार ने तहसीलदार के 11 पदों को भरने की मंजूरी प्रदान की है।
सस्ती हुई शराब- जानें नई नीति में क्या बदला
इसके साथ ही कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की है. इसके तहत साल भर में 2131 करोड़ रुपए राजस्व संग्रह की परिकल्पना की गई है। यह वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 264 करोड़ अधिक है। अर्थात राज्य के उत्पाद शुल्क में कुल मिलाकर 14% की वृद्धि हुई है।
इसी तरह वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में खुदरा आबकारी ठेकों के नवीनीकरण हेतु इकाई/विक्रेता के मूल्य के 4 प्रतिशत नवीनीकरण शुल्क पर भी स्वीकृति प्रदान की गयी।
देशी शराब के ब्रांड सस्ते होंगे क्योंकि लाइसेंस शुल्क कम कर दिया गया है। देशी शराब की एमआरपी मौजूदा कीमत से 16% सस्ती होगी।
नई आबकारी नीति में खुदरा लाइसेंसधारियों को आपूर्ति की जाने वाली देशी शराब के विनिर्माताओं और बोतलबंदों के लिए 15% निर्धारित कोटा समाप्त कर दिया गया है।
इसी तरह नई नीति में गौ वंश कल्याण के लिए और अधिक धनराशि प्रदान करने के लिए, गौधन विकास निधि कोष को मौजूदा 1.50 रुपए से बढ़ाकर 2.50 रुपए कर दिया गया है।
आदिवासी क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और होटल उद्यमियों को राहत प्रदान करने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में बार के वार्षिक निर्धारित लाइसेंस शुल्क की दरों में काफी कमी की गई है।
शराब के निर्माण, संचालन, थोक विक्रेताओं को इसके प्रेषण और बाद में खुदरा विक्रेताओं को बिक्री की निगरानी के लिए, उपरोक्त सभी हितधारकों के लिए अपने प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
इसी तरह राज्य में एक प्रभावी एंड टू एंड ऑनलाइन आबकारी प्रशासन प्रणाली स्थापित की जाएगी जिसमें वास्तविक समय की निगरानी के लिए अन्य मॉड्यूल के अलावा शराब की बोतलों के ट्रैक और ट्रेस की सुविधा शामिल होगी।
हिमाचल प्रदेश राज्य टोल नीति भी मंजूर
इसके अलावा कैबिनेट ने वर्ष 2022-23 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य टोल नीति को भी अपनी मंजूरी दी, जिसमें राज्य में सभी टोल बाधाओं के लिए नीलामी सह निविदा की परिकल्पना की गई है। वर्ष 2021-22 के दौरान टोल राजस्व में पिछले वर्ष के राजस्व के 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इसने हिमाचल प्रदेश आपदा राहत नियमावली-2012 में संशोधन करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की, जिसमें मधुमक्खियां, हॉर्नेट और ततैया के काटने से होने वाली मौतों, दुर्घटनावश डूबने और वाहनों (जमीन, पानी और हवा सहित) की दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को इस मैनुअल के तहत शामिल किया गया है।
FROM - HIM NEWS
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