9 अप्रैल से चेन्नई में शुरू हुए इस सीजन से पहले ही कोरोना संक्रमण के कुछ मामले आए थे, लेकिन इसके बाद 2 मई तक टूर्नामेंट बिना किसी परेशानी के चलता रहा. इस बीच देश में संक्रमण की दूसरी लहर ने जबरदस्त तबाही मचाई और रोजाना करीब 4 लाख तक केस और 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत होने लगी थी. ऐसे में 3 और 4 मई को IPL के बायो-बबल में मामले आने के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया.
UAE की तुलना में बबल कमजोर
अब टूर्नामेंट से बाहर निकलने के बाद बायो-बबल के अंदर की खबरें भी बाहर आ रही है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, संक्रमण के आने से कुछ खिलाड़ियों में डर का माहौल था तो वही कुछ भारतीय खिलाड़ियों ने हाल ही स्थगित हुई लीग के बबल को पिछले साल यूएई में आयोजित टूर्नामेंट की तुलना में कमजोर बताया.
टूर्नामेंट का हिस्सा रहे कुछ खिलाड़ियों से बात करते हुए समाचार एजेंसी ने बायो-बबल की स्थिति के बारे में जानने की कोशिश की. रिपोर्ट के मुताबिक, एक खिलाड़ी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि UAE की तुलना में बबल सुरक्षित नहीं था. इस खिलाड़ी ने साथ ही कहा कि बोर्ड की ओर से पूरी कोशिश की गई थी, लेकिन फिर भी बबल उतना कड़ा नहीं था. उन्होंने कहा,
''बीसीसीआई और टीमों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन यह बायो बबल इतना मजबूत नहीं था. यहां आप लोगों को आते-जाते देख सकते थे, भले ही वे अलग-अलग मंजिलों पर हों. मैंने कुछ लोगों को पूल का उपयोग करते हुए भी देखा. अभ्यास करने की सुविधाएं भी दूर थीं.''
संक्रमण के कारण बढ़ा डर, विदेशी खिलाड़ी असहज
वहीं सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा रहे भारतीय विकेटकीपर श्रीवत्स गोस्वामी ने कहा कि किसी भी भी खिलाड़ी द्वारा कोविड एसओपी के उल्लंघन की आशंका नहीं थी, लेकिन संक्रमण के बाद डर जरूर बढ़ गया था. गोस्वामी ने कहा, “बबल के अंदर हमारी अच्छी देखभाल हो रही थी. किसी भी खिलाड़ी या सहयोगी स्टाफ ने इसका उल्लंघन नहीं किया. लेकिन मै इस बात से इनकार नहीं करूंगा कि वायरस के बबल में प्रवेश के बाद हर कोई असहज हो गया था, खासकर विदेशी खिलाड़ी.''
गोस्वामी ने साथ ही कहा कि बायो-बबल से बाहर देश में जिस तरह के हालात हैं, उससे कोई बेखबर नहीं था और सबको इसका बुरा लग रहा था. गोस्वामी के मुताबिक, "खासकर विदेशी खिलाड़ी इसके बारे में ट्विटर पर पढ़ कर डर गये थे. भारतीय खिलाड़ी के तौर पर हम उन्हें समझाते थे कि चीजें ठीक हो जाएंगी.''
IPL के आयोजन को लेकर खिलाड़ियों में मतभेद
कोरोनावायरस के हालात के कारण देश में लीग के आयोजन की लगातार आलोचना की जा रही थी. कुछ विदेशी खिलाड़ी बीच सीजन में ही छोड़कर चले गए थे. ऐसे ही एक ऑस्ट्रेलिया के एंड्रूयू टाय ने तो यहां तक सवाल उठाया था कि ऐसे हालातों में फ्रेंचाइजी कैसे इस तरह के आयोजन पर इतना खर्चा कर सकती हैं. वहीं इस रिपोर्ट के मुताबिक, बबल के अंदर भी खिलाड़ियों में इसको लेकर मतभेद थे. एक अन्य खिलाड़ी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, “बाहर की स्थिति पर खिलाड़ियों और सहयोगी सदस्यों के विचार एक जैसे नहीं थे. कुछ चाहते थे कि आईपीएल जारी रहे तो कुछ चाहते थे इसे रोक दिया जाये. हां, बबल में वायरस के आने के बाद सब में बेचैनी थी.''
क्या बोले BCCI अध्यक्ष गांगुली?
फिलहाल, टूर्नामेंट को रोका जा चुका है और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली साफ कर चुके हैं कि उन्हें टूर्नामेंट के आयोजन में कुछ भी गलत नहीं लगा क्योंकि उस वक्त देश में मामलों में कमी आ गई थी. गांगुली ने साथ ही कहा है कि किसी भी तरह से बायो-बबल का उल्लंघन नहीं हुआ और ये कड़ा बबल था. हालांकि, हर किसी की तरह गांगुली ने भी इस बात पर अज्ञानता जाहिर की कि बबल के अंदर संक्रमण कैसे घुसा
FROM - HIM NEWS
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