­

Thursday, January 14, 2021

गजक और मूंगफली का रिश्ता और मजबूत

loading...


राजधानी शिमला में लोहड़ी का पर्व बड़ी ही धूम – धाम से मनाया गया। मंगलवार को शिमला में इस दौरान बाजारों में खुब रौनक देखी गई। बाजारों में मुंगफली, गच्चक की इतनी डिमांड रही कि दूकानदारों के भी चेहेरे खिले रहे। बता दे कि इस साल का यह पहला त्यौहार था। इस त्यौहार को खास बनाने के लिए लोगों ने कई पकवान भी बनाएं। वहीं तिल के लड्डू ओर कई चिज़े बनाकर एक दूसरे को आवंटित की। शाम 7 बजे लोहड़ी के पर्व पर लोगों ने आग जलाकर, गीत संगीत के साथ इस पर्व को खास बनाया। 

इसके साथ ही बुधवार को गुरूवार को मकर संक्राति के दिन शिमला के ततापानी में लोग आस्था की डुबकी लगाएंगे। बता दे कि लोहड़ी का महत्व- लोहड़ी का त्योहार फसल की कटाई और बुआई के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोग आग जलाकर इसके इर्द-गिर्द नाचते-गाते और खुशियां मनाते हैं। आग में गुड़, तिल, रेवड़ी, गच्चक डालने और इसके बाद इसे एक-दूसरे में बांटने की परंपरा है। इस दिन रबी की फसल को आग में समर्पित कर सूर्य देव और अग्नि का आभार प्रकट किया जाता है।

ये त्योहार मकर संक्त्रांति के एक दिन पहले आता है। जोकि बुधवार को मनाया गया। पंजाब और हरियाणा के लोग इसे बहुत धूम-धाम से मनाते हैं। लोहड़ी के पर्व पर आग में तिल, गुड़, गच्चक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाने का रिवाज होता है। लोहड़ी का त्योहार किसानों का नया साल भी माना जाता है। लोहड़ी को सर्दियों के जाने और बसंत के आने का संकेत भी माना जाता है। 

कई जगहों पर लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता है। लोहड़ी का महत्व- लोहड़ी का त्योहार फसल की कटाई और बुआई के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोग आग जलाकर इसके इर्द-गिर्द नाचते-गाते और खुशियां मनाते हैं। आग में गुड़, तिल, रेवड़ी, गजक डालने और इसके बाद इसे एक-दूसरे में बांटने की परंपरा है। इस दिन पॉपकॉर्न और तिल के लड्डू भी बांटे जाते हैं। गौर हो कि त्योहार पंजाब में फसल काटने के दौरान मनाया जाता है। लोहड़ी में इसी खुशी का जश्न मनाया जाता है. इस दिन रबी की फसल को आग में समर्पित कर सूर्य देव और अग्नि का आभार प्रकट किया जाता है. आज के दिन किसान फसल की उन्नति की कामना करते हैं।


FROM - HIM NEWS
loading...
loading...

Post Comments

No comments:

Post a Comment

Back To Top