केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन में सुविधाएं बहाल करने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा है। ऐसे में प्रदेश सरकार बाहरी राज्यों के लिए बसें चलाना चाहती है। बता दें कि बाहरी राज्यों के लिए एचआरटीसी की करीब 200 रूटों पर बसें चलती हैं। ऐसे में एचआरटीसी को रोजाना लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं बस सेवा बंद होने से दूसरे राज्यों में आने जाने वाले लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में बाहरी राज्यों के सभी रूटों पर एक साथ बसों को नहीं चलाया जाएगा।
क्योंकि प्रदेश के साथ-साथ बाहरी राज्यों में भी कोरोनावायरस बड़ी तेजी से फैल रहा है। इसलिए प्रदेश सरकार पहले दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हरिद्वार जैसे लॉन्ग रूटों पर एक बस भेजेगा। उसके बाद जैसे-जैसे सवारियों में बढ़ोतरी आएगी उसी को देखते हुए सभी राज्यों में बसों की आवाजाही पहले की तरह शुरू हो जाएगी। क्योंकि परिवहन निगम को पहले ही लॉकडाउन के चलते काफी घाटा उठाना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि जल्द ही बाहरी राज्यों में लॉन्ग रूटों पर बस का ट्रायल किया जाएगा। उसी के तहत अगले 10-15 दिन के भीतर यदि बसों में सवारियां बढ़ती है तो सभी राज्यों से बसों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।
from HIM NEWS
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