हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के गांव गेहरा की रहने वाली एक 66 वर्षीय महिला एकादशी देवी ने अपने दामाद के लिए वह किया जो शायद कोई सगा भी नहीं करता। एकादशी देवी ने अपने दामाद के जीवन को बचाने के लिए अपनी एक किडनी उसके लिए दान दे दी। उनके इस साहसिक कदम से न केवल उनकी बेटी का सुहाग सलामत रहा, बल्कि उन्हें एक नया जीवनदान देकर युवा पीढ़ी के लिए भी एक महत्वपूर्ण मिसाल पेश कर दी।
एकादशी देवी व उनके दामाद तारा चंद का बुधवार को हरियाणा के पंचकूला जिले के एक निजी अस्पताल में सफल किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। अब दोनों वहां पर बेहतर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। आपको बता दें कि तारा चंद मूल रूप से मंडी जिले के गांव सकलाना के रहने वाले हैं, लेकिन गत करीब 25 वर्षों से सोलन के चंबाघाट स्थित एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं।
वहीं ताराचंद के बेटे कुश सकलानी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिता काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और पैरों में सूजन की तकलीफ होती थी और कई बार सांस संबंधी भी दिक्कत होती थी। कुश सकलानी बताते हैं कि 22 जून, 2019 को सोलन में इलाज के दौरान मालूम हुआ कि उनके पिता की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं, उसके बाद पूरा परिवार चिंतित था कि अब आगे क्या होगा। उन्होंने कहा कि एक बार उनकी नानी यानी एकादशी देवी सोलन आई थी। उनसे उनके पापा की तबीयत देखी नहीं गई। इसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वह अपने दामाद को अपनी एक किडनी देंगी। ताकि वह भी आम लोगों की तरह स्वस्थ्य जीवन व्यतीत कर सके। हालांकि उम्र के इस पड़ाव में यह सब इतना आसान भी नहीं था। लेकिन अब सफल आपरेशन होने के बाद पूरा परिवार बेहद खुश है।
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