­

Monday, September 21, 2020

सांसद किशन कपूर ने किया हिमालयी राज्यों के लिए संयुक्त शिक्षा परिषद गठित करने का अनुरोध

loading...

 

कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने केंद्र सरकार से हिमालयी राज्यों के लिए एनसीईआरटी की तर्ज़ पर संयुक्त शिक्षा परिषद गठित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि इससे हिमालयी राज्यों में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा और मातृ भाषा में पढ़ाने के लिये पाठ्यक्रम आदि की समस्याओं पर विचार हो सकेगा। लोक सभा में शून्य-काल के दौरान इस विषय पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए सांसद किशन कपूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने गत जुलाई मास के अंतिम सप्ताह में नई शिक्षा नीति की घोषणा की थी।

यह शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। नई शिक्षा नीति के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए किशन कपूर ने कहा कि कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैले हुए विशाल हिमालयी राज्यों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार को ले कर बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। हिमालयी राज्यों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण शिक्षा के क्षेत्र में आधारभूत ढांचे की कमी है।

हिमालयी राज्यों के दूर-दराज़ क्षेत्रों में विषयों के विशेषज्ञ अध्यापकों और स्कूलों तक डिजिटल टेक्नोलॉजी तक पहुंच का भी अभाव है। पहाड़ी राज्यों में एक कहावत प्रचलित है कि”कोस-कोस में पानी बदले चार कोस पर वाणी।” हिमाचल के संदर्भ में यह अक्षरशः सत्य है। हिमाचल के बारह ज़िलों में 14 बोलियां बोली जाती हैं। उन्होंने कहा कि मातृ भाषा में पढ़ाना तब तक सम्भव नहीं जब तक कि पहाड़ी भाषाओं पर शोध करके उन्हें पढ़ाये जाने योग्य बनाया जा सके जैसा कि शिक्षा नीति में वर्णित है।


from HIM NEWS
loading...
loading...

Post Comments

No comments:

Post a Comment

Back To Top