आलू बीज की कीमत एकाएक तेज़ी से बढ़ने से किसान परेशानी में आ गए हैं। बढ़ती कीमतों को देखकर कई किसानों ने इस बार आलू की खेती न करने का निर्णय ले लिया है।
दरसल ऊना जिले में आलू बीज की बिक्री दुगनी से ज़्यादा कीमत पर हो रही है। जहाँ ज़्यादा दाम मिलने से बीज विक्रेता बहुत खुश हैं, वहीं गरीब किसानों को इस बात ने चिंता में डाल दिया है। 2065 प्रति हेक्टेयर पर फ़सल उगाने के लिए 4500 प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू बीज बाज़ार में मिल रहा है।
छोटे किसान ही नहीं बड़े ज़मींदार भी इससे प्रभावित हैं। यहाँ बड़े ज़मींदारों ने भी इस बार आलू बीज 40 से 50 प्रतिशत काम बोया है। ऊना हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक जिला है लेकिन बढ़ती बीज क़ीमतों ने बड़ी समस्या उत्पन्न कर दी है। वहीं लाहौल घाटी में बीज की कीमतों के गिरने से वहाँ इस बार पहले से अधिक उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है।
कोरोना महामारी के कारण देशभर में सभी जगह उत्पादन में कमी देखने को मिल रही है। बढ़ते बीज के दामों को भी इसी का असर बताया जा रहा है। व्यपारियों के बीच ये ख़बर गरम है कि बीज़ों के दामों में और वृद्धि देखने को मिलेगी। किसानों ने दूसरे बीज आलू व्यापारियों से संपर्क करना भी शुरू कर दिया है।
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