
कंगना रनौत और उद्धव ठाकरे - फोटो : सोशल मीडिया
पांच दिन बाद मनाली में घर वापसी के बाद 10 दिनों के लिए होम क्वारंटीन कंगना रणौत मुंबई की लड़ाई जारी रखे हुए हैं। शिवसेना नेता संजय राउत से पंगेबाजी के चलते मुंबई में तोडे़ गए उनके दफ्तर का गुस्सा कंगना में अभी तक सुलग रहा है। मनाली की ठंडी वादियों में पहुंचने पर भी कंगना के तेवर पहले की तरह तल्ख हैं। सोशल मीडिया पर कंगना ने शिवसेना को चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि औरत की कोमलता और दया को अक्सर उसकी कमजोरी समझा जाता है, लेकिन किसी को इस हद तक न ले जाया जाए जहां उसके पास खोने को कुछ न हो।
ऐसे लोग बहुत खतरनाक और जानलेवा हो जाते हैं। वहीं, जया बच्चन द्वारा संसद में कंगना द्वारा बॉलीवुड को बदनाम करने का सवाल उठाने पर कंगना ने उल्टा जया बच्चन पर ट्वीट कर हमला बोला कि अगर उनके बच्चों श्वेता या अभिषेक के साथ सुशांत की तरह घटना पेश आती तो भी क्या उनकी प्रतिक्रिया ऐसी ही होती। वहीं कंगना ने करण जौहर या उनके पिता द्वारा फिल्म इंडस्ट्री को खड़ा करने पर सवाल उठाए। उन्होंने पीएम मोदी से मिलकर फिल्मों के जूनियर कलाकारों व मजदूरों की स्थिति बताने की बात भी कही है।
रामस्वरूप ने लोकसभा में उठाया कंगना रणौत का मुद्दा
उधर, सांसद रामस्वरूप शर्मा ने लोकसभा में कंगना रणौत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कंगना पर बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की बेटी कंगना के साथ महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने सही नहीं किया। इस होनहार बेटी ने बॉलीवुड में नशा माफिया के वर्चस्व की ओर सरकार और पुलिस का ध्यान आकर्षित करना चाहा है। बदले में कंगना को गालियां दी गईं और उनका 38 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ऑफिस उनकी अनुपस्थिति में तोड़ दिया गया। यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी ने उन्हें महाराष्ट्र से चले जाने तक की धमकी दी। उन्होंने कंगना को सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार का आभार भी जताया।
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