
फर्जी डिग्री से नौकरी कर रहे हजारों लोगों का अब रोजगार छिनने वाला है। फर्जी डिग्री मामले में गठित नई विशेष जांच दल (एसआइटी) अब अन्य राज्यों में दबिश देगी। सोलन के सुल्तानपुर स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय ने पैसे लेकर डिग्रियां बांटी है। अब तक की जांच से सामने आया है कि फर्जी डिग्रियां बेचने के लिए बड़े पैमाने पर पैसों का लेन-देन हुआ है। दो लाख से पांच लाख में एक डिग्री बेची गई। 20 से अधिक राज्यों में इस घोटाले के तार जुड़े पाए गए हैं। इतने राज्यों में लाखों डिग्रियां बांटी गईं। हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में इनका मुख्य ठिकाना रहा।
रसूख के सहारे संस्थान के कर्ताधर्ता शिकायतों को दबा देते थे। इन पर पहले पुलिस भी कार्रवाई नहीं कर पाती थी। अब सीआइडी की एडीजीपी एन वेणुगोपाल की अगुवाई वाली नई एसआइटी बाहरी राज्यों में दबिश देगी। सूत्रों के अनुसार हजारों लोगों ने इन डिग्रियों के आधार पर नौकरियां हासिल की है। हालांकि कितनों को सरकारी क्षेत्र में नौकरियां मिलीं, इसकी सूची तैयार नहीं हो पाई है। लेकिन जिन भी लोगों ने नौकरियां ली होगी, उनका पक्का रोजगार छिनने वाला है। जैसे ही जांच आगे बढ़ेगी, पक्के रोजगार पर आंच आएगी।
पहली बार इतनी बड़ी एसआइटी
हिमाचल प्रदेश में पहली बार हुआ है कि जब एडीजीपी रैंक के अधिकारी को एसआइटी का मुखिया बनाया गया हो। टीम में कुल 19 अधिकारी शामिल हैं। इससे केस की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इससे पहले कोटखाई छात्रा दुष्कर्म एवं हत्या मामले में तत्कालीन आइजी की अगुवाई में एसआइटी गठित की गई थी। उसमें भी इतने अधिकारी नहीं था, जितने इस एसआइटी में हैं। एसआइटी के लिए भी इस केस को तार्किक अंत तक पहुंचाना आसान नहीं होगा।
FROM - HIM NEWS
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