
सोलन में चल रही भाजपा की अंतर कलह में संगठन की लुटिया डुबोने में लगे कथित कुछ भाजपा के नेता अब व्यापार मंडल की बिसात पर राजनीतिक रोटियां सेकने की तैयारियां कर रहे हैं। ऐसे में जहां भाजपा का कुनबा सोलन में पूरी तरह से बिखरता नजर आ रहा है तो वही 2022 के लिए कांग्रेस की राह भी आसान होती नजर आ रही हैं। असल में 2017 में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बने व्यापार मंडल के पैरलल में ही जहां दो व्यापार मंडल चल रहे थे वही एक तीसरा महा व्यापार मंडल भी पंख फड़फड़ा रहा है।
इस व्यापार मंडल के लिए मुकेश गुप्ता को अध्यक्ष चुना गया था और बड़ी बात तो यह है कि मुकेश गुप्ता भाजपा के वरिष्ठ नेता भी हैं और उनके प्रयासों के चलते यह व्यापार मंडल पूरे प्रदेश की विपणन संस्थाओं के लिए रोल मॉडल था। जोकि गैर राजनीतिक तरीके से सभी व्यापारियों के लिए संघर्ष कर रहा था। मगर जैसे ही सोलन के दिग्गज रहे भाजपा नेता व पूर्व मंत्री तथा पूर्व अध्यक्ष राजनीतिक हाशिए पर आए तो दूसरा गुट राजनीतिक जमीन तलाशने लग पड़ा है।
जिसे हम कह सकते हैं कि सोलन में भाजपा जिस डाल पर बैठी थी उस डाल को उन्हीं के लोग खुद काटने में लग पड़े हैं। लोकतांत्रिक तरीके से बनाए गए व्यापार मंडल में मनोज गुप्ता को महासचिव तथा रमेश बंसल को उपप्रधान बनाया गया था जबकि योगेंद्र सेठी को निर्विरोध कोषाध्यक्ष चुना गया था। वर्ष 2017 में व्यापार मंडल के चुनाव करवाए गए थे। जिसमें दूसरे गुट को करारी शिकस्त भी मिली थी। सोलन व्यापार मंडल को जैसे ही 1 वर्ष पूरा हुआ तभी चुनावों में हारे कुछ लोगों के द्वारा बंद कमरे में बैठक कर एक व्यापारी को स्वयंभू अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
इसे एक बैठक का भी नाम दिया गया था जिसमें सोलन के एक बड़े व्यापारी की अध्यक्षता दिखाई गई थी। मगर उस व्यापारी ने इनसे सहमत ना हो कर यह भी खंडन कर दिया था कि उन्होंने उस बैठक में कोई हिस्सा या अध्यक्षता करी ही नहीं थी। ऐसे में हारे हुए व्यापारी ने कुछ अवसरवादीयों के साथ मिलकर महा व्यापार मंडल का गठन किया है। हैरानी तो इस बात की भी है कि इस कथित महा व्यापार मंडल के द्वारा बाइलॉज को माध्यम बनाते हुए एसडीएम कार्यालय में चुनौती भी दी गई।
इसके चलते सोलन के व्यापारी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। जिसके चलते अब सोलन में तीसरे व्यापार मंडल का बनना निश्चित हो चुका है। जानकारी तो यह भी मिली है कि एसडीएम कार्यालय से कोई चिट्ठी जारी किए जाने की बात कही गई है मगर अभी तक यह चिट्ठी वास्तविक लोकतांत्रिक तरीके से चल रहे व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को नहीं मिली है। बरहाल जिस प्रकार हारे हुए नेता संगठन की लुटिया डुबोने में लगे हुए हैं उससे तो यह साफ है कि सोलन में आने वाले समय में भाजपा फिर से करारी शिकस्त में होगी।
from HIM NEWS
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