हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत अुकंश ठाकुर की शहादत का बदला लेने के लिए उसका छोटा भाई आदित्य सेना में भर्ती होकर पुश्तैनी परंपरा काे जारी रखेगा। भारत और चीन के सैनिकों के बीच मंगलवार को पूर्वी लद्दाख वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई झड़प में हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल के कड़ोहता गांव के शहीद 21 वर्षीय अंकुश ठाकुर का पार्थिव शरीर तीन दिन बीतने के बाद भी नहीं पहुंच पाया है।
शहीद के परिवारजनों, रिश्तेदारों, ग्रामीणों व आसपास के लोगों में गुस्सा पनपने लगा है। हर कोई शहीद के पार्थिव शरीर की शव यात्रा में शामिल होने के लिए परिवारजनों को सूचित कर रहे हैं। सभी लोग ब्रेसबी से शहीद अंकुश के पार्थिव शरीर की एक झलक देखने के लिए आतुर हैं। शहीद के पिता, पूर्व सैनिक अनिल कुमार व माता उषा रानी के मन में बेटे के पार्थिव शरीर करे लाने में देरी होने पर मलाल है।
शहीद के छोटे भाई आदित्य सातवीं कक्षा में पढ़ रहा है। भाई की शहादत पर दुखी और गुस्से में है। उसका और रो-रो बुरा हाल हो गया है। आदित्य का कहना है कि भाई अंकुश देश के लिये कुर्बान हुआ है उसका मुझे खुशी है लेकिन शहादत का बदला लेने के लिये सेना में भर्ती हूंगा।
पोते का दुखद समाचार सुनकर दुखी दादी शहीद अंकुश की दादी कमलेश कुमारी भी पोते की शहदात पर टूट चुकी है। बेटे अनिल व बहू उषा रानी को स्वयं ही सांत्वना देकर रो रही है। मेरा अंकुश बुहत होनहार था। वीरवार को शहीद के घर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, बडसर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, भोरंज विधायक कमलेश कुमारी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रेम कौशल, जिला अध्यक्ष राजेंद्र जार ने भी शहीद के घर पर पहुंच कर परिवारजनों को हौंसला दिया।
from HIM NEWS
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