
हिमाचल प्रदेश यूनियन आफ जर्नलिस्टस हिमाचल इकाई के 20 साल बाद पंजीकृत होने के बाद संगठन एक्शन में आ गया है। पंजीकृत संगठन टीम ने सुंदरनगर के कुछ लोगों द्वारा प्रदेश के विभिन्न पत्रकारों व गैर पत्रकारों के बनाए गए तमाम परिचय पत्रों को तत्काल प्रभाव से रदद कर दिया है। अब यह कार्ड किसी भी क्षेत्र में मान्य नहीं होगे।
संगठन के प्रवक्ता जोगिंद्र देव आर्य व विक्रम ठाकुर ने कहा कि हमें पता चला कि प्रदेश के पत्रकारों से 300 से 600 रुपये लेकर थोक में आईडी कार्ड बनाए गए जबकि यह असवैधानिक है क्योंकि कोई भी गैर पंजीकृत संस्था कार्ड नहीं बना सकती। आर्य ने कहा कि उनके पास शिकायतें आई है कि कोविड के समय में जब पत्रकारों मास्क, सैनीटाईजर व अन्य चीजों की मदद की जरुरत थी तो सुंदरनगर की गैर पंजीकृत संस्था ने मीडीया जगत व गैर मीडीया जगत के लोगों से पैसे लेकर कार्ड बना दिए जबकि वह कार्ड बनाने के लिए अधिकृत ही नहीं थे।
जो भी पैसा किसी सदस्य से लिया जाता है उसकी राशि का एक छोटा सा भाग दिल्ली एनयूजे कार्यालय को भेजा जाता है। अब इन लोगों ने कब कहां से कितना पैसा एकत्रित किया है इसका पता लगाया जा रहा है जोगिंद्र देव आर्य व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अश्विनी सैणी ने कहा कि जिन-जिन लोगों ने सुंदरनगर की संस्था को कार्ड बनाने के लिए राशि दी है उसको तुरंत वापिस ले ले और जिस रसीद के तहत यह राशि ली वो हमें बताए।
उन्होने कहा कि बददी कार्यालय पहले फार्म भरवाता है फिर जांच करता है उसके बाद आईडी कार्ड जारी किया जाता है। अगर उक्त गैर पंजीकृत संस्था के पदाधिकारी पैसे वापिस देने में आनाकानी करते हैं तो हमारे पंजीकृत संगठन को सूचित करें हम उस पर कानूनी कार्यवाही करेंगे। आर्य ने कहा कि जितने भी कार्ड उक्त संस्था ने जारी किए हैं अब न तो वह मान्य है और उसकी वेलिडिटी तुरंत प्रभाव से समाप्त हो चुकी है।
अगर कोई उसका प्रयोग करता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी। उक्त सब पुराने कार्ड बददी कार्यालय को भेज दिए जाएं ताकि सही कार्ड उनको नए सिरे से जारी किए जा सकें।
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