­

Friday, May 20, 2022

बिहार मे कोचिंग सेंटर चलना होगा मुश्किल, जानिए क्या होगा बदलाव

loading...

 



बिहार सरकार राज्यभर में संचालित कोचिंग संस्थानों की नकेल कसेगी। इन संस्थानों को संचालन के लिए हर हाल में राज्य सरकार से निबंधन कराना होगा। तय मानक के अनुरूप सुविधाएं देनी होंगी। साथ ही तमाम कोर्सों के लिए योग्य शिक्षकों की टीम, जरूरी आधारभूत संरचनाएं रखनी होंगी। इसके अलावा कोचिंग संस्थानों को निबंधन आवेदन के समय ही संचालित कोर्सों के लिए शुल्क की जानकारी राज्य सरकार को देनी होगी।

राज्य में निजी कोचिंग संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम 2010 लागू है। राज्य मंत्रिमंडल, विधानमंडल के दोनों सदनों और राज्यपाल की स्वीकृति के बाद यह अधिनियम 28 अप्रैल 2010 को बिहार गजट में प्रकाशित हुआ तथा तभी से लागू है। लेकिन अबतक इस अधिनियम को लागू करने के लिए नियमावली नहीं बनी थी। अधिनियम बनने के 12 साल बाद अब इसकी कवायद तेज हो गई है।

शिक्षा विभाग ने बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) नियमावली 2022 प्रारूप बना लिया है। इसे विभागीय वेबसाइट https://ift.tt/rhek7RN पर प्रकाशित कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से जारी नियमावली प्रारूप को लेकर सभी हितधारकों के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने आम सूचना जारी करते हुए 31 मई तक सुझाव मांगे हैं। कोई भी अपना सुझाव निदेशक माध्यमिक के ई-मेल आईडी directorse.edu@ gmail.com पर दे सकते हैं।

नियमावली लागू होने के 30 दिनों के अंदर सभी कोचिंग को करना होगा आवेदन : बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) नियमावली 2022 लागू होने के 30 दिनों के अंदर पूर्व से चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों को निर्धारित प्रारूप में निबंधन के लिए पंजीकरण समिति के समक्ष आवेदन करना होगा। 5 हजार का निबंधन शुल्क जबकि नवीनीकरण शुल्क 3 हजार है। आवेदन के साथ पाठ्यक्रम, पूर्ण करने की अवधि, शिक्षण फीस, भौतिक संरचना की जानकारी देनी होगी। वर्गकक्ष का न्यूनतम क्षेत्र प्रति छात्र 1 वर्गमीटर होगा। शिक्षकों का बायोडाटा भी देना होगा। न्यूनतम स्नातक योग्यताधारी या सेवानिवृत्त शिक्षक ही पढ़ा सकेंगे।

बिना पंजीकरण कोचिंग चलाना अपराध की श्रेणी में

प्रस्तावित नियमावली के मुताबिक बिना निबंधन या इसके नवीनीकरण (निबंधन के तीन साल बाद) कोचिंग चलाना अपराध की श्रेणी में आएगा। इसके अलावा अधिनियम की विशिष्टताओं या किसी अन्य प्रावधान का उल्लंघन नियमावली के मुताबिक अपराध होगा। नियमावली अथवा अधिनियम के किसी प्रावधान के उल्लंघन पर प्रथम अपराध के लिए 25 हजार, द्वितीय अपराध के लिए 1 लाख और उसके बाद कारणपृच्छा और सुनवाई का अवसर देकर निबंधन रद्द किया जाएगा।

चार सदस्यीय कमेटी लेगी निबंधन पर निर्णय, एसडीओ करेंगे स्थल जांच : नियमावली लागू होने के 15 दिनों के अंदर पंजीकरण समिति का गठन सभी डीएम करेंगे। इसमें खुद डीएम, एसपी, डीईओ और एक अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्य होंगे। डीएम को नियमावली गठन के 15 दिनों के अंदर जांच कमेटी भी बनानी है। जांच डीएम या एसडीओ स्तर से नीचे के अफसर नहीं करेंगे। नियमावली में कोचिंग संस्थानों के खिलाफ शिकायत, सुनवाई और अपील के प्रावधान तथा इनके शुल्क भी तय होंगे। इन्हे भी जरूर पढ़ें

Shimla, Mandi, Kangra, Chamba,

FROM - HIM NEWS
loading...
loading...

Post Comments

No comments:

Post a Comment

Back To Top