नई दिल्ली: बकरी के दूध से बने साबुन से त्वचा के रोगों को दूर करने का दावा किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इससे झुर्रियां, कील-मुंहासे और अन्य प्रकार के त्वचा रोग (Skin Diseases) दूर हो रहे हैं. धर्मशाला के सरस मेले के दौरान चामुंडा के बढोई के दंपति के प्रदर्शनी में रखे बकरी के दूध से बने प्रोडक्ट्स आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. विवेक शर्मा ने दी गुड रूटीन प्रोडक्शन यूनिट लगाकर रिसर्च (Research) कर बकरी के दूध से गुणकारी साबुन बनाया है. विवेक शर्मा ने बताया कि सरस मेले में करीब 100 स्टॉल होने के बावजूद उनके प्रोडक्ट्स की शानदार बिक्री हो रही है.
नए कॉन्सेप्ट की लोगों ने की तारीफ
विवेक शर्मा ने बताया कि सरस मेले (Saras Mela) के दौरान वह रोजाना 10 हजार तक की सेल कर रहे हैं और उनके सभी प्रोडक्ट्स शाम तक बिक जाते हैं. नए कॉन्सेप्ट की लोग काफी तारीफ कर रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि 2018 में पालमपुर के पास नगरी में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की शुरुआत की थी. शुरुआती दौर में स्थानीय लोगों से हर महीने करीब 50 लीटर दूध खरीदकर प्रोडक्ट्स तैयार किए गए. इससे स्थानीय लोगों को भी बकरी के दूध (Goat’s Milk) की बिक्री के लिए अच्छा बाजार मिला. बता दें कि आधे लीटर दूध से करीब 15 साबुन (Soaps) तैयार किए जाते हैं.
लोगों को मिला रोजगार
विवेक शर्मा और उनकी पत्नी आकांक्षा ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (Chief Minister’s Swavalamban Yojana) के तहत करीब 50 लाख की आर्थिक सहायता लेकर नगरी में यूनिट लगाकर विस्तार किया. उनके प्रोडक्ट्स की हर महीने करीब 1 लाख की ऑनलाइन बिक्री की जा रही है. साथ ही उनके द्वारा करीब 10 लोगों को रोजगार (Employment) भी मिला है. एडिशनल कलेक्टर कांगड़ा राहुल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के माध्यम से विवेक शर्मा को स्वरोजगार के लिए 50 लाख रुपये का लोन स्वीकृत किया गया है, जिसमें से उन्हें 30% सब्सिडी प्रदान की जा रही है.
साबुन को सरस मेले में मिला अच्छा रिस्पॉन्स
उन्होंने कहा कि बकरी के दूध से तैयार किए गए साबुन को सरस मेले के दौरान बहुत अच्छा रिस्पॉन्स (Response) मिल रहा है. साथ ही उन्हें मार्केटिंग (Marketing) के लिए भी बेहतर व्यवस्था उपलब्ध है. उन्होंने जिला कांगड़ा के लोगों से अपील की कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के जरिए आत्मनिर्भर (Self-Reliant) बनने की ओर अपने कदम बढ़ाएं और योजना का लाभ उठाएं. गुड रूटीन प्रोडक्शन यूनिट में कर्मचारी के तौर पर कार्य कर रही शिखा शर्मा का कहना है कि इससे उन्हें घर की चौखट पर ही रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और वह अच्छे से अपने परिवार का पालन पोषण कर पा रही हैं.
Shimla, Mandi, Kangra, Chamba, Himachal, Bihar, Muzaffarpur, East Champaran, Kanpur, Darbhanga, Samastipur, Nalanda, Patna, Muzaffarpur, Jehanabad, Patna, Nalanda, Araria, Arwal, Aurangabad, Katihar, Kishanganj, Kaimur, Khagaria, Gaya, Gopalganj, Jamui, Jehanabad, Nawada, West Champaran, Purnia, East Champaran, Buxar, Banka, Begusarai, Bhagalpur, Bhojpur, Madhubani, Madhepura, Munger, Rohtas, Lakhisarai, Vaishali, Sheohar, Sheikhpura, Samastipur, Saharsa, Saran, Sitamarhi, Siwan, Supaul,Gujarat, Ahmedabad, Vadodara, Surat, Rajkot, Vadodara, Junagadh, Anand, Jamnagar, Gir Somnath, Mehsana, Kutch, Sabarkantha, Amreli, Kheda, Rajkot, Bhavnagar, Aravalli, Dahod, Banaskantha, Gandhinagar, Bhavnagar, Jamnagar, Valsad, Bharuch , Mahisagar, Patan, Gandhinagar, Navsari, Porbandar, Narmada, Surendranagar, Chhota Udaipur, Tapi, Morbi, Botad, Dang, Rajasthan, Jaipur, Alwar, Udaipur, Kota, Jodhpur, Jaisalmer, Sikar, Jhunjhunu, Sri Ganganagar, Barmer, Hanumangarh, Ajmer, Pali, Bharatpur, Bikaner, Churu, Chittorgarh, Rajsamand, Nagaur, Bhilwara, Tonk, Dausa, Dungarpur, Jhalawar, Banswara, Pratapgarh, Sirohi, Bundi, Baran, Sawai Madhopur, Karauli, Dholpur, Jalore,Haryana, Gurugram, Faridabad, Sonipat, Hisar, Ambala, Karnal, Panipat, Rohtak, Rewari, Panchkula, Kurukshetra, Yamunanagar, Sirsa, Mahendragarh, Bhiwani, Jhajjar, Palwal, Fatehabad, Kaithal, Jind, Nuh, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल,
No comments:
Post a Comment