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Thursday, February 10, 2022

Bihar: बिहार में स्थित है एशिया का सबसे बड़ा रेल कारखाना , पिछले 12 सालों में कई उपलब्धियां मिली है

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 Asia's largest rail factory is located in Bihar



Indian railway को भारत में यातायात के लिए लाइफ लाइन कहा जाता है. रेलवे पर यात्रा करना हर किसी के लिए आसान है. चाहे वह अमीर हो या फिर गरीब हो हर कोई रेलवे से यात्रा करना चाहता है. रेलवे (railway) देश में नौकरियों के मामले में भी एक बड़ी नियोक्ता है. ऐसे में आज हम एक ऐसे रेल कारखाने के बारे में जानेंगे जिसके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बिहार में एशिया का पहला रेल कारखाना (rail factory) स्थित है.
12 सालों में यह रेल कारखाना मालगाड़ी वैगन मरम्मत करने के मामले में अव्वल रहा

Rail रेल कारखाने के नाम पर कई रिकॉर्ड दर्ज हैं. बता दें कि इस रेल रेल कारखाने में सात हजार के करीब कर्मचारी काम करते हैं. बिहार का यह रेल कारखाना हाल में अपना 160 वां साल भी पूरा किया है. इस दौरान इस रेल कारखाने ने कई उतार चढ़ाव को देखा है लेकिन उसके बाद भी आज तक अनवरत कार्य कर रहा है. इस दौरान इसने कई किर्तिमान अपने नाम दर्ज भी किया है. पिछले 12 सालों में बिहार में यह रेल कारखाना मालगाड़ी वैगन (goods train wagon) मरम्मत करने के मामले में अव्वल रहा है.

तो अब और लंबा इंतजार नहीं करवाते हैं आपको बता देते हैं उस रेल कारखाना के बारे में जिसके बारे में हम ऊपर में जिक्र किये हैं यह रेल कारखाना है जमालपुर रेल कारखाना. इस रेल कारखाने को भारतीय रेल का रीढ़ कहा जाता है. यहां के तकनीशियनों की कुशल कारीगरी को देखकर देश के दूसरे रेल कारखाना के तकनीशियन तकनीकी रूप से दक्ष होने पहुंचने या हम कहें वे यहां आकर ट्रेनिंग लेते हैं.
175 टन का क्रेन बनाने की कवायद तेजी से चल रही है

आपको बता दें कि 8 फरवरी 1862 को जमालपुर रेल काराखाना (Jamalpur Rail Workshop) की स्थापना हुई थी. इस कारखाने की नीव अंग्रेजों द्वारा दी गई थी. अब इस कारखाने के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि इसको निर्माण इकाई का दर्जा दे दिया जाए. जमालपुर रेल कारखाने की अगर हम उपलब्धियों को देखें तो जर्मनी के बाद पहला 140 टन का क्रेन बनाया था. अब यहां 175 टन का क्रेन बनाने की कवायद तेजी से चल रही है. अभी जर्मनी और चीन में ही यह क्रेन बनाया जाता है.

निजी कंपनियों को क्रेन भी कारखाना उपलब्ध कराएगा. अभी तक यह तमगा देश के किसी दूसरे कारखाना को नहीं मिला है. महत्वपूर्म कारखाना में शामिल इस कारखाना को इतिहास गौरवशाली रहा है. बता दें कि इस खाने से बने जैक की डिमांड पूरे देश में सबसे ज्यादा है.

जमालपुर रेल कारखाना ने पिछले 12 सालों में कई उपलब्धियां अपने नाम किया है. पूर्व रेलवे की सभी तीनों कारखानों की तुलना में जमालपुर रेल कारखाना का प्रधर्शन सबसे बेहतर रहा है. इस कारखाना ने लगातार अपने पूराने सभी आंकड़ों तोड़ते हुए अपना एकअलग कीर्तिमान स्थापित किया है. कारखाना पुराना है तो जाहिर सी बात हैं इसके नाम कई रिकॉर्ड हैं तो कई दाग भी हैं ऐसे में इस कारखाने के नाम पर एक दाग भी लगा है. जिसमें मालगाड़ी बैगन निर्माण के लिए 34 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया जिसमें कारखाना के अधिकारियों और संवेदकों की मिली भगत से यह घोटाला किया गया था. बाद में इसमें जांच हुई और घोटालेवाज अधिकारियों और कर्मचारियों को सजा के रूप में नौकरी से बाहर कर दिया गया.

इस कारखाने से मुंगेर सहित जमालपुर और दूसरे जिले का प्यापार भी निर्भर है. जमालपुर के व्यापारी बताते हैं कि जमालपुर का व्यापार पूरी तरह से कारखाने पर आधारित है. इस कारखाने से ही जिले की अलग पहचान है. वहां के व्यापारियों का कहना है कि कारखाने में कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी तो व्यापार में और भी तरक्की आएगी. इन्हे भी जरूर पढ़ें

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