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Tuesday, January 25, 2022

बनारस से कोलकाता मात्र 6 घंटे में, बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया से गुजरेगा एक्सप्रेस-वे

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PATNA-बिहार के चार जिलों कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया से गुजरेगा इकोनॉमिक कॉरिडोर बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, बनारस से कोलकाता की दूरी 601 किमी, समय लगेगा मात्र 6-6.30 घंटे, बिहार में 159 किमी हिस्सा, जमीन अधिग्रहण की लागत 1925 करोड़

भारतमाला परियोजना के तहत बिहार से एक महत्वपूर्ण इकोनॉमिक कॉरिडोर बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे गुजरेगा। केंद्रीय एजेंसी एनएचएआई ने बनारस-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का डीपीआर तैयार कर लिया है। एक्सप्रेस-वे से संबंधित चारों राज्यों उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को इस संबंध में अवगत कराते हुए उनसे आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इस एक्सप्रेस-वे का उद्देश्य देश के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्र में तेज गति वाली कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। इससे पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक प्रगति का रास्ता साफ होगा।

इस एक्सप्रेस-वे से कई महत्वपूर्ण शहरों चंदौली, भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, हजारीबाग, बोकारो, रांची, पुरुलिया, खड़गपुर को भी तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। एक्सप्रेस-वे एलाइनमेंट में 15 जिलों की जमीन आएगी जिसमें यूपी के 2 जिले बनारस और चंदौली, बिहार के 4 जिले कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया, झारखंड के 4 जिले चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो तथा प. बंगाल के 5 जिले पुरुलिया, बांकुरा, पश्चिम मेदनीपुर, हुगली और हावड़ा शामिल हैं।

इस एक्सप्रेस-वे का 159 किलोमीटर हिस्सा बिहार से गुजरेगा। इसमें कैमूर-52 किलोमीटर, रोहतास-36, औरंगाबाद-38 और गया जिला में 33 किलोमीटर हिस्सा होगा। 90 मीटर चौड़ाई वाले इस एक्सप्रेस-वे के लिए बिहार में 1757 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा जिसके एवज में जमीन मालिकों को 1894 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। वहीं, कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी में 78 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण पर 31 करोड़ रुपए लागत आएगी।

एक्सप्रेस-वे के बन जाने से बनारस से कोलकाता जाने में मात्र 6-साढ़े 6 घंटे लगेंगे। अभी वाया स्वर्णिम चतुर्भुज (पुराना ग्रैंड ट्रंक रोड) 644 किलोमीटर की दूरी तय करने में कम से कम 12 से 13 घंटे लगते है। बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे और वर्तमान स्वर्णिम चतुर्भुज (पुराना ग्रैंड ट्रंक रोड) की लंबाई में ज्यादा अंतर (मात्र 43) नहीं है पर शहरों की परिधि से बाहर होने के कारण ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां तेज गति से रास्ता तय करेंगी। एक्सप्रेस-वे 8 लेन चौड़ा और दोनों तरफ कंटीले तारों से घिरा रहेगा। इन्हे भी जरूर पढ़ें

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