औरंगाबाद के नवीनगर बिजली घर की तीसरी यूनिट बनकर तैयार हो गई। इस यूनिट के सिन्क्रोनाइजेशन (ग्रिड से जोड़ने) का काम पूरा होते ही बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। आगामी 26 जनवरी से इस यूनिट को लगातार 72 घंटे का ट्रायल शुरू करने का लक्ष्य है। इसके बाद व्यावसायिक उत्पादन होने लगेगा। 660 मेगावाट की इस यूनिट से बिहार को फरवरी तक 559 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी।
नवीनगर बिजली घर में 660 मेगावाट की तीन यूनिट हैं। दो यूनिट पहले से ही चालू है और यहां से बिहार को एक हजार मेगावाट से अधिक बिजली मिल रही है। तीसरी यूनिट के शुरू करने की योजना पर एनटीपीसी काम कर रही थी। इसी क्रम में अब तीसरी यूनिट को भी ग्रिड से सिंक्रोनाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया। इसके बाद तीसरी यूनिट का प्रारंभिक ट्रायल-रन शुरू हो रहा है।
फिलहाल यहां से 351 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। तकनीकी मानदंडों को पूरा करते हुए इस यूनिट को पूरी क्षमता 660 मेगावाट तक ले जाया जाएगा। कोशिश है कि 26 जनवरी से इसे फुल लोड यानी 660 मेगावाट उत्पादन क्षमता के साथ 72 घंटे तक लगातार चलाया जाए। तीन दिनों तक इसे फुल लोड में चलाने के बाद ही केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण व्यावसायिक उत्पादन की मंजूरी देगा। इसके बाद बिहार को यहां से 559 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी।
एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-एक के कार्यकारी निदेशक विजय सिंह ने बताया कि नवीनगर परियोजना पर 19,412 करोड़ खर्च हो रहे हैं। बिहार की बेहद महत्वाकांक्षी योजना के तहत 660 मेगावाट की तीन इकाइयां बननी थीं। दो इकाइयां वाणिज्यिक उत्पादन कर रही हैं, जिनसे 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। बिहार सरकार के साथ हुए करार के तहत इस प्रोजेक्ट से निर्मित बिजली का लगभग 85 फीसदी हिस्सा बिहार को दिया जा रहा है।
इस प्रकार अब तक बिहार को 1124 मेगावाट बिजली मिल रही है। उम्मीद है कि अगले माह से तीसरी यूनिट से भी बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। तब इस प्रोजक्ट की कुल वाणिज्यिक बिजली उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट हो जाएगी। इसमें से बिहार का कुल हिस्सा 1683 मेगावाट होगा। इसके अलावा 10 फीसदी बिजली उत्तर प्रदेश, 4 फीसदी बिजली झारखंड और एक फीसदी बिजली सिक्किम को दी जानी है।
एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-एक के प्रवक्ता विश्वनाथ चन्दन ने बताया कि एनपीजीसी से उत्पादित होने बाली बिजली इसलिए भी सस्ती है क्योंकि यह अत्याधुनिक सुपर क्रिटिकल तकनीक से बना पावर प्रोजेक्ट है। इसमें सब-क्रिटिकल तकनीक से मुकाबले कोयले की खपत कम होती है। इसलिए एनपीजीसी द्वारा उत्पादित बिजली 10-15 पैसे प्रति यूनिट सस्ती है।
ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि नवीनगर की तीनों यूनिटों से बिजली उत्पादन शुरू होने के बाद बिहार बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा। इससे प्रदेशवासियों को बिजली की किल्लत नहीं झेलनी पड़ेगी। इन्हे भी जरूर पढ़ें
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