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बिहार में नई योजना, अब शिक्षक नहीं एनजीओ ही बांटेंगे एमडीएम, शिक्षामंत्री विजय चौधरी ने पीएम पोषण योजना की शुरुआत की, 15 नवंबर के बाद स्कूलों में मिल सकेगा पका भोजन : शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि अधिकारी स्कूलों में निरीक्षण के लिए जाएं, तो क्लास रूम में जाकर बच्चों को भी पढ़ाएं और समस्या समझ दूर करने का प्रयास करें। मध्याह्न भोजन योजना में नई व्यवस्था लागू की गई है। इसका नाम भी अब पीएम पोषण योजना हो गया है। अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन समूह की अनुमति के बाद जल्द ही स्कूलों में बच्चों को पका भोजन फिर से मिलने लगेगा।
शिक्षकों को मध्याह्न भोजन के किसी भी कार्य से अलग रखने के लिए इसकी जिम्मेदारी स्वयंसेवी संस्थानों को दी जा रही है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से फिर कहा कि स्कूल आने वाले 66 प्रतिशत बच्चे मध्याह्न भोजन करते हैं, जबकि कोरोना काल में स्कूल बंद रहने पर 88 प्रतिशत बच्चे अनाज लेते हैं। यह अंतर क्यों है, इसे ठीक करने की जरूरत है। माना जा रहा है कि 15 नवंबर के बाद स्कूलों में बच्चों काे पका भाेजन मिल सकता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों में बच्चों पौष्टिक भोजन मिले, लेकिन गुणवत्तापूर्ण बेहतर शिक्षा भी मिले। पढ़ाई प्रभावित नहीं हो।
अफसर निरीक्षण के लिए जाएं तो बच्चों को पढ़ाएं भी
शिक्षामंत्री ने कहा कि एमडीएम निरीक्षण में इसमें शामिल शिक्षकों को दोषी ठहरा कर सजा देने के बदले ज्यादा जरूरी सुधार करना है। स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बेहतर हो, इसके लिए बदलाव करें। रविवार को वे अभिलेख भवन में मध्याह्न भोजन निदेशालय द्वारा आयोजित पीएम पोषण योजना के तहत एसएनए से संबंधित दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। एमडीएम निदेशक सतीश चंद्र झा ने कहा कि पीएम पोषण योजना बेहतर तरीके से संचालित हो, इसके लिए अधिकारी समय पर मॉनीटरिंग करें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस योजना में बदलाव किया जा रहा है। एसएनए जिला और विद्यालय स्तर पर राशि की अधिकतम सीमा निर्धारित कर पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से योजना का संचालन किया जाएगा। यह योजना कैशलेस है।
FROM - HIM NEWS
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