भागलपुर-दुमका लाइन रेल एरिया की फ्यूचर लाइन बनेगी। रेलवे गुड्स रेवेन्यू के लिहाज से इस लाइन को ज्यादा उपयोगी मान रहा है। लिहाजा इस रेलखंड को तकनीकी रूप से ज्यादा सशक्त बनाया जा रहा है। यही कारण है कि दुमका तक लाइन बनने के पांच साल के अंदर ही इस रेलखंड पर विद्युतीकरण करा दिया गया।
कभी अत्यधिक घाटे के कारण इस सेक्शन में चलने वाली एकमात्र पैसेंजर ट्रेन बंद कर दी गई थी। अब इसी रेल सेक्शन को रेलवे गुड्स रेवेन्यू के लिहाज से ज्यादा उपयोगी माना जा रहा है। धीरे-धीरे यात्री ट्रेनों की संख्या भी बढ़ायी जा रही है। भागलपुर रेल एरिया से चलने वाली एकमात्र हमसफर एक्सप्रेस इस रेलखंड होकर गुजरती है।
जब तक भागलपुर से हसडीहा के लिए ट्रेन चलती थी, तब तक इस रेलखंड पर कमाई इतनी भी नहीं होती थी कि किसी एक स्टेशन के रेलकर्मियों का वेतन पूरा हो जाए। लेकिन वाया दुमका हावड़ा से जुड़ने के कारण इस रेलखंड पर अब 50 से 80 लाख रुपये तक में बुक होने वाली कम-से-कम दो मालगाड़ियां हर दिन इस रेलखंड से गुजरती हैं। 50 साल पहले बिछी पटरी को बदलकर अभी की सबसे अव्वल दर्जे की पटरियां बिछायी जा रही हैं। इसके बाद जल्द ही दोहरीकरण का भी प्रस्ताव चला जाएगा।
कई पर्यटन स्थलों के पास से गुजरती है यह रेल लाइन
भागलपुर-दुमका रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनें कई पर्यटन स्थलों के पास से गुजरती हैं। यह रेलखंड मंदार हिल स्टेशन से गुजरती है। यह बिहार का जाना माना पर्यटन स्थल है। यहां जैन धर्मावलंबियों का भी केंद्र है। आगे जाने पर बासुकीनाथ और देवघर की दूरी भी कम हो जाती है। इस रेलखंड से गुजरने वाली ट्रेनों से तारापीठ जा सकते हैं। रामपुरहाट के आगे बोलपुर स्टेशन है जहां शांति निकेतन है।
गुड्स शेड बन रहा, कोल शेड की भी कवायद
भागलपुर-दुमका रेलखंड पर टिकानी और दुमका में गुड्स शेड है। मसलन इस होकर गुजरने वाली ट्रेनों से इन जगहों पर माल उतारा जा सकता है। इस रेलखंड पर कोल शेड बनाने की भी कवायद शुरू की गई थी। अभी कोल शेड बना नहीं है, लेकिन ईसीएल और पूर्व रेलवे इसपर विमर्श कर रहा है।
इन कारणों से रेलवे के लिए महत्वपूर्ण है दुमका लाइन
शार्ट रूट है बंगाल और झारखंड का, इसलिए मालगाड़ी का परिचालन आसान
भाया साहिबगंज के मुकाबले भाया दुमका भागलपुर से हावड़ा की दूरी कम
भाया साहिबगंज रामपुरहाट 207 किमी, दुमका के रास्ते 180 किमी
कोयलांचल से इस लाइन का सीधा जुड़ाव
यह लाइन जीटी लाइन से जुड़ सकती है
झारखंड, उड़ीसी और दक्षिण भारत की ट्रेनों के लिए शार्ट रूट
कोयला सहित अन्य खनिजों की ढुलाई का प्रमुख मार्ग
मालदा रेलमंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने कहा, ‘अभी भागलपुर-दुमका रेलखंड पर विद्युतीकरण हो गया है। सीआरएस निरीक्षण के बाद बिजली से ट्रेनें चलने लगेंगी। ज्यों-ज्यों चीजें विकसित होती जाएंगी, इस रेलखंड पर सुविधाएं भी बढ़ती जाएंगी। काफी संभावनाएं हैं।’
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