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Saturday, September 11, 2021

बिहारवासी इस बार कर सकेंगे पिंडदान, पुरखों को मिलेगी मुक्ति

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 कहते है पिंडदान करने के बाद हमारे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है लेकिन कोरोना के कारण ना तो पिंडदान किया जा रहा था ना ही पितरों के मोक्ष को लेकर की जाने वाली पूजा की जा रही थी. जिससे आम लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस साल राहत की खबर सामने आई है जिसके तहत कोरोना के कारण बंद पड़े पिंडदान का आयोजन इस बार होने वाला है, साल 2020 से ही बिहार वासी अपने पूर्वजो की आत्मा की शान्ति के लिए पिंडदान नहीं कर पा रहे है. लेकिन इस बार आप ऐसा कर सकेंगे जिसकी शुरुआत 19 सितम्बर से होने वाली है.हालांकि ध्यान रहे की सिर्फ लोगो को पिंडदान की अनुमति दी गई है ना की मेले की अनुमति दी गई है.





यानी की इस साल भी एक पखवाड़े तक चलने वाली पितृपक्ष मेले का आयोजन नहीं होगा. हालांकि पिंडदान करने के लिए गया पहुँचने वाले भक्तो को कोरोना के दिशानिर्देशो का पूरी तरह से पालन में अनुष्ठान करने की अनुमति दी जाएगी. इसको लेकर गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह के मुताबिक मेले की अनुमति नहीं है.व्यक्तियों के पिंडदान करने पर प्रतिबन्ध नहीं है, लोगो को अनुष्ठान करते समय कोरोना उपयुक्त व्यवहार बनाये रखने चाहिए. वहीं विष्णुपद मंदिर प्रबंधन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शम्भू लाल विट्ठल ने कहा है कि 26 अगस्त को फिर से खुलने के बाद से भक्तों ने विष्णुपद मंदिर में आना शुरू कर दिया है, कोरोना से बचाव को लेकर सरकार की तरफ से कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए जारी सभी मानक सञ्चालन प्रक्रियाएं यानी की SOP का पालन किया जा रहा है. मंदिर के गर्भगृह में एक बार में केवल 20 श्रद्धालुओ को प्रवेश की अनुमति दी जा रही है. मास्क पहनना और शारीरिक दुरी बनाये रखना सभी के लिए अनिवार्य है.

जिसके बाद अब 19 सितम्बर से पितृपक्ष की शुरुआत होने वाली है जानकारों की माने तो इस दौरान पिंडदान काना अन्य दिनों की तुलने में अधिक फलदायी माना जाता है. होटल व्यवसायी, गेस्ट हाउस मालिक और पूजा सामग्री और प्रसाद बेचने वाले विक्रेता जैसे कारोबारी व्यवसाय में उच्छाल आने पर पितृपक्ष की प्रतीक्षा करते है.

हालांकि पितृपक्ष मेले के आयोजन नहीं होने के कारण कारोबारियों को बहुत ज्यादा ही नुकसान हो रहा है, बीते डेढ़ साल से मेले पर लगी पाबंदी के कारण कई कारोबारियों के सामने खाने पिने तक की समस्या उत्पन्न हो गई है. हालांकि इस साल पिंडदान के आयोजन को लेकर मिली अनुमति के बाद वित्तीय संकट का सामना कर रहे व्यवसाइयों को राहत मिली है. इन्हे भी जरूर पढ़ें
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