सबसे बड़ी चिंता ये कि मौजूदा गाड़ियां इस नए ईंधन ई-20 पर चल पाएंगी या नहीं। इस विषय पर विशेषज्ञों से बात की। इथेनॉल की मौजूदा प्रोसेसिंग लागत पर ही यदि गणना करें तो ई-20 ईंधन पेट्रोल के मौजूदा रेट से 8 रुपए प्रति लीटर तक सस्ता हो सकता है। हालांकि ई-20 ईंधन मौजूदा कारों की क्षमता को कम करेगा। मगर गाड़ियों में ई-20 ईंधन के मुताबिक बदलाव बहुत महंगा नहीं है। 2 हजार में दोपहिया और 4 हजार में मौजूदा चौपहिया इंजन को मॉडिफाई हो सकता है।
: मौजूदा इंजनों में ज्यादा इथेनॉलवाले ईंधन से माइलेज कम होगा : {सरकार ने एक अधिसूचना जारी की जिसके तहत ऑटो कंपनियों को ऐसे वाहन डिजाइन करने होंगे जिनमें 12-15% इथेनॉल मिले पेट्रोल का इस्तेमाल हो सके।
{दरअसल, हर ईंधन का एक रीड वेपर प्रेशर (आरवीपी) होता है। पेट्रोल में इथेनॉल मिलेगा तो उसके आरवीपी वैल्यू में तब्दीली आएगी। इससे मौजूदा इंजनों के पुर्जों की
क्षमता प्रभावित होगी। : {इंजन के पुर्जों में जंग लग सकती है। इससे कभी-कभी इंजन झटके के साथ बंद हो सकता है, खासकर दोपहिया वाहनों में इसकी आशंका ज्यादा है। वाहन की माइलेज में भी कुछ कमी आ सकती है।
बिहार में अभी 12 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन : इथेनॉल उत्पादन में बिहार का देश में पांचवां स्थान है। 30 हजार करोड़ से अधिक निवेश प्रस्ताव हंै। अभी 12 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता है, जिसे 50 करोड़ लीटर करने का लक्ष्य है।
प्रो. अंजन रे (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम के निदेशक), डॉ. एसएसवी राजकुमार (इंडियन ऑयल में रिसर्च एंड डेवलेपमेंट विंग के निदेशक), रेजी मैथाई (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के निदेशक), दिनेश त्यागी (इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी के निदेशक), सीवी रमण (मारुति सुजुकी के चीफ टेक्नीकल ऑफिसर), विक्रम कास्बेकर (हीरो मोटोकॉर्प के चीफ टेक्नीकल ऑफिसर)
{वाहन निर्माताओं के संगठन सियाम के मुताबिक इससे बचने के लिए इंजन का हार्डवेयर व कई उपकरण बदलने होंगे, री-कैलिबरेशन करना पड़ेगा। खर्च दोपहिया वाहनों में 1 से 2 हजार और चौपहिया वाहनों में 3 से 4 हजार रु. तक आएगा।
FROM - HIM NEWS
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