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Tuesday, August 31, 2021

बिहार में बिजली संकट, कोयला के अभाव में एनटीपीसी ने काटा 700-800 मेगावाट, कीमत प्रति यूनिट 19 रुपए

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बिजलीघरों में कोयला संकट: बाजार में 19 रु. यूनिट पहुंची बिजली, बिहार ने हाथ खड़े किएपटना को छोड़ पूरे प्रदेश में अब रोटेशन पर दी जा रही बिजली : एनटीपीसी के बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति में सुधार न होने के बाद बिहार में बिजली संकट गहरा गया है। एनटीपीसी से बिहार को उसके कोटे में 700-800 मेगावाट की कटौती के बाद बिहार की परेशानी बढ़ गई है।

बीती रात तो उसने बाजार से बिजली खरीद कर जरूरत पूरी की, लेकिन रविवार को बाजार में बिजली की कीमत प्रति यूनिट 19 रुपए पहुंचने के बाद बिजली कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। बिहार ने 14 रुपए तक की कीमत पर बाजार से बिजली खरीद के लिए प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। उधर, बिजली संकट की स्थिति में बिजली कंपनी ने देर शाम से पटना को छोड़कर पूरे प्रदेश में रोटेशन के आधार पर बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी है। सभी शहरों में कुछ-कुछ देर की बिजली की कटौती हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका असर अधिक है। बड़े शहरों को अधिक कटौती से राहत दी गई है। यहां कटौती तो हो रही है, लेकिन इसे सीमित रखा गया है।

कोयला खदानों में पानी भरने से कम हुई आपूर्ति
एनटीपीसी के बिजलीघरों में कोयला संकट के कारण वहां बिजली उत्पादन कम हो गया है। इन बिजलीघरों को जिन कोयला खदानों से कोयले की आपूर्ति होती है, वहां पानी भर जाने के बाद कोयला का उत्पादन ही कम हो गया है। जहां 11-12 रैक कोयले की आपूर्ति रोजाना होती थी, वहां अभी मात्र 5-6 रैक कोयला की आ पा रहा है। इससे एनटीपीसी के बिजलीघरों में उत्पादन प्रभावित हुआ है और उसमें कमी की गई है। इसके बाद एनटीपीसी बिहार को उसके कोटे की बिजली नहीं दे पा रहा है। 
FROM - HIM NEWS
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