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Friday, June 4, 2021

बिहार में कोरोना की तीसरी लहर ने दी दस्तक, आप रहें सावधान:

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बिहार में कोरोना की तीसरी लहर कही दस्तक तो नहीं दे दी है जी है यह सवाल अब डॉक्टरों के बीच भी होने लगा है जी है दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चार बच्चों की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि IGIMS में एक ऐसा बच्चा भर्ती हुआ है उसमें कोरोना के वो सारे लक्षण मौजूद है जैसे बुखार के साथ खांसी और सांस फूलने की समस्या थी लेकिन RTPCR और एंटीजन की जांच रिपोर्ट दो दो बार निगेटिव आया लेकिन जब सिटी स्कैन की रिपोर्ट डॉक्टरों के सामने आई तो उनके होश उड़ गए।

कोरोना निगेटिव होने के बाद भी मासूम का फेफड़ा 90 प्रतिशत संक्रमित हो चुका था।

IGIMS के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल का कहना है कि छपरा के रहने वाले 8 साल के मासूम को उसके परिवार वाले 22 मई को लेकर आए थे। बच्चे को बुखार के साथ खांसी और सांस फूलने की समस्या थी। मासूम को इमरजेंसी में भर्ती किया गया। इस दौरान जांच कराई गई जिसमें पता चला कि मासूम का फेफड़ा, किडनी और लीवर गंभीर रूप से संक्रमित हो चुका है, और उसकी जान को खतरा है।

उस बच्चे के इलाज के लिए तत्काल डॉक्टरों की टीम गठित की गयी शुरुआती लक्षण कोरोना के लग रहे थे इसलिए RTPCR जांच कराई गई जिसमें वह निगेटिव पाया गया। लेकिन जब सिटी स्कैन की रिपोर्ट डॉक्टरों के सामने आई तो उनके होश उड़ गए। कोरोना निगेटिव होने के बाद भी मासूम का फेफड़ा 90 प्रतिशत संक्रमित हो चुका था।

ऐसे लगा तीसरी लहर का खतरा

डॉ मंडल ने बताया कि सिटी स्कैन में कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद मासूम की जान के खतरे का अंदाजा लग गया। कोरोना से अक्सर इंसान का फेफड़ा संक्रमित होता है, लेकिन मासूम का मामला काफी चौंकाने वाला था। संक्रमण में फेफड़ा कम या पूरी तरह से काम कर देना बंद कर देता है, लेकिन उसके फेफड़े के साथ किडनी और लीवर भी पूरी तरह संक्रमित हो चुका था।

ऐसा देख इलाज कर रहे चिकित्सकों के मन में यह चलने लगा कि कोरोना की तीसरी लहर तो नहीं है। बच्चों पर कोरोना अटैक को लेकर काफी डर था, लेकिन गंभीर हालत के बाद भी वह इलाज में लगे रहे फिलहाल उस बच्चे की स्थिति बेहतर है ।

दरभंगा में चार बच्चों की मौत कोरोना से तो नहीं हुई है

दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जिन चार बच्चों की मौत हुई थी उनमें से तीन बच्चे एक ही परिवार का था उसमें भी सारे लक्षण कोरोना के मौजूद थे लेकिन RTPCR और एंटीजन की जांच रिपोर्ट निगेटिव आया था अब IGIMS के इस रिपोर्ट के बाद मेडिकल क्षेत्र में यह चर्चा शुरु हो गयी है कि दरभंगा और IGIMS में बच्चों में जो लक्षण सामने आ रहे हैं ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है । 
FROM - HIM NEWS
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