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Friday, April 16, 2021

देवेंद्र शर्मा की अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 10 साल की सजा

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50 हजार रुपए का अर्थदंड भी भुगतान न करने की एवज में 1 साल का अतिरिक्त भुगतना होगा कारावास

जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देवेंद्र शर्मा की अदालत ने दुष्कर्म के एक दोषी को पोस्को एक्ट व धारा 376 के तहत 10 साल का कठोर कारावास तथा 50 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 1 साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

इसके साथ ही आईपीसी की धारा 506 के तहत 1 साल का साधारण कारावास व 5 हजार रूपए जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। जिला न्यायवादी भीमानंद शांडिल ने बताया कि अप्रैल, मई, 2017 पीडि़ता स्कूल से आने के बाद घास काटने गांव के समीव घासनी में गई थी।

इसी दौरान आरोपी चंद्रमणि पुत्र रामदयाल निवासी कालरिया पोस्ट ऑफिस जरग तहसील एवं पुलिस स्टेशन संगड़ाह जिला सिरमौर ने इस नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। साथ ही इस बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी।

शर्म व डर के कारण नाबालिग किसी को कुछ नहीं पता सकी। इसके बाद भी आरोपी ने पीडि़ता की तीन-चार बार अस्मत लूटी। जून 2018 में पीडि़ता के पेट में दर्द हुई, तो उसके परिजनों से ददाहू अस्पताल ले गए। यहां से उसे नाहन मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया गया।

पीडि़ता ने 10 जून 2018 को नाहन मेडिकल कॉलेज में एक शिशु को जन्म दिया। पीडि़ता ने बच्चे के पिता का नाम चंद्रमणि बताया। तत्कालीन एसएचओ संगड़ाह विरोचन नेगी ने आरोपी चंद्रमणि को उसके गांव के समीप से गिरफ्तार किया। उसके बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 4 दिन का पुलिस रिमांड दिया गया।

उसके बाद आरोपी के खिलाफ पुलिस ने मामले में चालान पेश किया। इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने साक्ष्यों और गवाहों को आधार मानकर शुक्रवार को दोषी पाए गए चंद्रमणि को 10 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई।


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