हिमाचल में अब पशुओं को बेसहारा छोड़ने वालों की खैर नहीं है। लोग बेसहारा पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते हैं जिससे दुर्घटना होने का भी अंदेशा बना रहता है। साथ ही बेसहारा पशु कई लोगों को घायल भी कर देते हैं। ऐसे में अगर अब किसी ने भी पशुओं को बेसहारा सड़क पर छोड़ा तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
पशुओं को सड़कों पर बेसहारा छोड़ने वाले लोगों पर राज्य सरकार कानून को और कड़ा करेगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि अब पशुओं को बेसहारा सड़कों पर छोड़ने वाले लोगों के विरुद्ध सरकार और कड़ी सजा का प्रावधान करेगी। सजा देने के लिए वेटनरी अधिकारियों को अधिकृत करेगी। धवाला ने कहा कि कानून के डर के अभाव में गौ सेंक्चुरी बनती जाएंगी।
सड़कों पर बेसहारा पशुओं की संख्या भी उतनी ही बढ़ेगी। मंत्री ने कहा कि संबंधित पंचायतें व प्रधान अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते। वे ऐसे व्यक्तियों पर पांच सौ से लेकर सात सौ रुपये का जुर्माना लगा सकते हैं। लेकिन यह जुर्माना नहीं लगाया गया। गणना के अनुसार प्रदेश में 36311 पशु बेसहारा है। इनमें से 16550 पशुओं को गौशालाओं व गौसदनों में आश्रय दिया जा चुका है। 211 गैर सरकारी संगठन गौशालाएं चला रहे हैं। इसमें से 1116 पंजीकृत हैं।
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