उपमंडल फतेहपुर के सीमांत क्षेत्र की ग्राम पंचायत रियाली में किसानों की फसल पौंग डैम के पानी में डूब गई। पौंग का जलस्तर अचानक बढ़ने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। स्थानीय किसान शवि मोहम्मद, आलमदीन, कसमदीन, बशीर, सदीक मोहम्मद, लतीक, गोल्डी ठाकुर, कश्मीर सिंह व रमेश चंद आदि का कहना है कि पौंग बांध से पानी छोड़ने की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। सूत्रों के अनुसार यहां गुज्जर समुदाय के करीब 12 घर हैं, जो पानी की चपेट में आ गए हैं। उन्हें खाने-पीने की वस्तुओं को लेकर भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।
ब्यास में पानी अधिक होने के कारण कुछ लोगों का आपस में संपर्क भी टूट गया है। कुछ लोग तैर कर यहां-वहां जा रहे हैं। लोगों के अनुसार इन दिनों बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं भी चल रही हैं। ऐसे में बच्चे जान जोखिम में डाल कर पेपर देने जा रहे हैं। लोगों ने प्रदेश सरकार से कि बरबाद हुई फसल का मुआवजा देने की मांग की है। उधर, एसडीएम फतेहपुर बलवान चंद का कहना है कि तीन राज्य का निर्णय होता है, उसके बाद ही जरूरत के मुताबिक पानी छोड़ा जाता है। किसानों का जो नुकसान हुआ है, उसके लिए पटवारियों को उचित कार्रवाई करते हुए रिपोर्ट तैयार करने निर्देश दिए गए हैं ।
टापू पर फंसी 403 भेड़-बकरियों को सुरक्षित बाहर निकाला
मीलवां। इंदौरा थाना के अंतर्गत ग्राम पंचायत मंड मियानी में ब्यास नदी में फंसी करीब 403 भेड़-बकरियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। यह रेस्क्यू ऑपरेशन दोपहर करीब 12ः10 पर समाप्त हुआ। गौर हो कि इंदौरा में ब्यास नदी में अचानक बढ़े जलस्तर के चलते चंबा के दो भेड़पालक अपनी 400 भेड़-बकरियों के साथ एक टापू में फंस गए थे। घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम इंदौरा सोमिल गौतम व पुलिस थाना प्रभारी सुरिंद्र सिंह धीमान मौके पर पहुंचे। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने 403 भेड़ों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
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