- नर कालिज फीजेंट पक्षी गहरे नीले रंग का होता है, मादा कालिज गहरे भूरे रंग की
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में मनाली शहर के पास एक दुर्लभ पक्षी 'कालिज फीजेंट' का रेस्क्यू किया गया। इसे वन विभाग के हवाले कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह मादा पक्षी घायल अवस्था में मिला। बहुत से पक्षी, मुख्यता कौवे, इसका पीछा कर रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार, ये दुर्लभ पक्षी वन विहार मनाली से जान बचाते हुए वॉल्वो स्टैंड के निकट ट्रक युनियन के दफ्तर के पीछे छिपा था। इस पर ट्रक यूनियन कर्मचारी युवराज बिष्ट की नजर पड़ी। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर जैसे-तैसे पक्षी को पकड़ा और कमरे में सुरक्षित रख दिया।
पक्षी को बचाने के बाद युवराज ने वन विभाग के रेंज ऑफिसर (वाइल्ड लाइफ) चमन लाल ठाकुर को फोन करके इसकी सूचना दी। विभाग के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे और कालिज फीजेंट को इलाज के लिए वन विहार स्थित रेस्क्यू सेंटर ले गए। फिलहाल मादा पक्षी बिल्कुल सुरक्षित है।
वन विभाग के कर्मचारी मान सिंह ने बताया कि हिमालयन कालिज फीजेंट प्रजाति के पक्षियों की संख्या पिछले कुछ दशकों में अवैध शिकार के चलते बहुत तेजी से कम हुई है। सरकार की सख्ती और जागरूकता के कारण अब इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि नर कालिज फीजेंट पक्षी गहरे नीले रंग का होता है और आकार में 65 से लेकर 73 सेंटीमीटर लंबा होता है। मादा कालिज गहरे भूरे रंग की होती है और आकार में नर से छोटी होती है। इसकी लंबाई 50 से 60 सेंटीमीटर होती है। इन पक्षियों का सर्वाधिक शिकार मांस के लिए होता है।
from HIM NEWS
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