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हिमाचल प्रदेश की 5001 उचित मूल्यों की दुकानों में उपभोक्ताओं को राशन लेने से पहले अंडरटेकिंग देनी होगी। उन्हें बताना होगा कि वे आयकरदाताओं की सूची में आते हैं या नहीं। इसके अलावा 18 लाख उपभोक्ताओं को डिपुओं में आधार नंबर भी जमा करवाना होगा। इससे डिपोधारक खुद ऑनलाइन चैक करेंगे कि संबंधित उपभोक्ता इनकम टैक्स भरता है या नहीं। इसके अलावा अब राशन लेने से पहले उपभोक्ताआें को यह भी बताना होगा कि उनका जॉब स्टेटस क्या है। वह किस पद पर कार्यरत है, साथ ही उसकी मासिक व सालाना आय कितनी है। himachalfastnews.com
बता दें कि राज्य सरकार ने यह बड़ा फैसला इस वजह से लिया है, ताकि इनकम टैक्स देने वाले उपभोक्ताओं का पता लगाया जा सके और वे डिपुओं से सस्ता राशन न ले पाएं। बता दें कि हिमाचल सरकार ने करीब एक लाख 60 हजार आयकर दाताओं के लिए ये कड़े कदम उठाए हैं, ताकि वे सस्ता राशन न ले सकें। इससे पहले भी राज्य सरकार आयकरदाताओं पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके राशन को ब्लॉक करने का फैसला ले चुकी है। हालांकि अब राज्य सरकार ने आयकरदाताओं के लिए डिपुओं में राशन के अलग से रेट तय किए हैं। डिपुओं में आयकरदाताओं से चावल, चीनी व अन्य खाद्य वस्तुओं के ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं। himachalfastnews.com
सरकार की नई शर्तों के अनुसार अंडरटेकिंग न देने वाले उपभोक्ताओं को डिपुओं में राशन नहीं दिया जाएगा। यह आदेश सरकार व खाद्य आपूर्ति विभाग ने सभी उपभोक्ताओं को दे दिए हैं। इसके अलावा सरकार हर माह सभी उपभोक्ताओं से ली गई अंडरटेकिंग चैक करेगी। अगर किसी डिपोधारक द्वारा कोई लापरवाही की गई तो उपभोक्ता का कार्ड भी जब्त किया जा सकता है। राज्य सरकार ने साफ किया है कि सरकारी डिपुओं में सस्ता राशन गरीबों को ही मिलना चाहिए। राज्य में 5001 उचित मूल्यों की दुकानें हैं, वहीं 3261 कोऑपरेटिव सोसायटी की दुकानें हैं। इसके साथ ही प्रदेश में छह लाख 79 हजार 247 राशन कार्ड हैं, जिनके जरिए 18 लाख लोग सस्ते राशन का लाभ ले रहे हैं। (एचडीएम)
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