
भारत उन विकासशील देशों में से है जिनकी जनसंख्या का एक बड़ा भाग कृषि पर निर्भर है। इसी कारण दुनिया के नक्शे पर भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है। भारत की 70% जनसंख्या आज भी गांव में निवासरत है।जिनका जीविकोपार्जन का आधार सिर्फ और सिर्फ कृषि पर निर्भर है।भारतीय कृषि को देश की रीढ़ भी कहा गया है क्योंकि यही एक उपाय जो देश की खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ,अपनी मेहनत और लगन से साल भर इन्तजार के बाद फसल उबजाते हैं और पूरे देश का पेट भरते हैं.

आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे बीते दिनों अपने खेत की जुताई करते वक़्त बीच खेत में कुछ ऐसा मिला जिसे देख उस किसान की आंखें फटी की फटी रह गयी. आईये आपको बताते हैं की आखिर खेत की जुताई के समय आखिर इस किसान को बीच खेत में ऐसा क्या मिला जिसने उसके होश उड़ा दिएदरअसल ये मामला मध्यप्रदेश के रायपुर के भटगांव का है जहाँ गांव के ही रहने वाले एक किसान सुखदेव अपनी खेत की जुताई में लगा हुआ था तभी उसका हल जमीन के अंदर किसी चीज से जा टकराया जब किसान ने उस जगह खुदाई की तो उसे एक मटका मिला और इस मटके को देख वो काफी ज्यादा खुश हो गया क्योंकि उसे लगा की उसके हाँथ कोई बड़ा खजाना लग गया है |

जैसे ही उसने उस मटके को खुदाई करके बाहर निकाला और उसे खोलकर देखा तो उसके तो जैसे होश ही उड़ गये |दरअसल उस मटके में सोने के ढेरों जेवर भरे थे और साथ ही भगवान की कुछ स्वर्ण मूर्तियाँ भी थी और ये सारा सामान देखने के बाद किसान के तो जैसे ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं रहा और इसी बीच पूरे गांव में ये खबर आग की तरह फैल गई। पुलिस भी मौके पर पहुंची और गहनों को कब्जे में लेने के लिए भारी हंगामा भी हुआ।

पुलिस ने मटके को राजकीय संपत्ति मान उसे कब्जे में लेने का प्रयास किया। गांव वाले अड़ गए और वे पुलिस को मटका देने से इंकार करने लगे। मौके पर ग्रामीणों की काफी भीड़ लग गई। कई घंटों से पुलिस गांव वालों को समझाती रही पर वे अड़े रहे। दोपहर बाद मौके पर तहसीलदार आए और जौहरी को बुलाया गया। मटके में मिले आभूषण को चेक किया गया। पता चला कि ये सारे आर्टिफिशियल हैं। पुलिस के मुताबिक किसी ने खेत में कब्जा करने की नीयत से ऐसा किया होगा।

मटके और उसके सामान का पंचनामा बनाकर पुलिस ने मटका आर्टिफिशियल ज्वैलरी समेत उसी किसान को सौंप दिया जिसका खेत में मिला था। तहसीलदार सुरेश राय ने बताया कि सोने के आभूषण मिलने की बात पूरी तरह से गलत है। किसी ने सरकारी जमीन में कब्जे के उद्देश्य से यह हरकत की थी, इसकी जांच की जा रही है। मौके पर आभूषणों की जांच कराई सभी आर्टिफिशियल ज्वेलरी निकले। इस मामले को लोगों ने अंधविश्वास का रूप देने का प्रयास किया लेकिन जांच में जब आभूषण नकली निकले तो ग्रामीण भी ठंडे पड़ गए इस तरह से किसान की किस्मत चमकते चमकते रह गयी और उस ह पर हंसी माहौल बन गया
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