
प्रदेश में धान खरीद केंद्रों पर यदि किसी प्रकार की समस्या किसानों को हो रही हो तो वह किसान सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता व क्रय एजेन्सियों के जिला प्रबन्धकों से सम्पर्क कर धान खरीद की समस्याओं का समाधान करा सकते है। उन्होंने बताया कि सरकार के पोर्टल से पीएफएमएस के माध्यम से 72 घंटें के अन्दर किसानों के खाते में सीधे धान खरीद का भुगतान किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने सहकारिता विभाग के धान खरीद कार्य में लगे अधिकारी व क्रय एजेन्सियों के जिला प्रबन्धकों से कहा है कि किसानों की धान खरीद से सम्बन्धित यदि कोई समस्या है तो उसका निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर कराना सुनिश्चित किया जाए, इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाशत नहीं की जायेगी।
उन्होंने बताया कि मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत खरीद विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों को उनकी उपज धान का लाभकारी मूल्य दिलाये जाने के लिए सहकारिता विभाग की तीन क्रय एजेन्सियों पीसीएफ, पीसीयू एवं यूपीएसएस द्वारा 2010 क्रय केन्द्रों को स्थापित कर धान की खरीद की व्यवस्था की गयी है।
वर्मा ने बताया कि पीसीएफ के 1350 क्रय केन्द्रों द्वारा 13.00 लाख मीट्रिकटन, पीसीयू के 500 क्रय केन्द्रों द्वारा 6.00 लाख मीट्रिकटन तथा यूपीएसएस के 160 क्रय केन्द्रों द्वारा 2.50 लाख मीट्रिकटन सहित कुल 21.50 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके सापेक्ष अभी तक पीसीएफ, पीसीयू एवं यूपीएसएस द्वारा 1.85 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद, 26710 किसानों से की जा चुकी है।
वर्मा ने कहा है कि क्रय केन्द्र से टोकन प्राप्त कर निर्धारित तिथि पर धान ले आये। क्रय केन्द्रों पर धान विक्रय के लिए ले जाने से पूर्व अपना आनलाईन पंजीकरण तथा राजस्व विभाग से सत्यापन कराकर खसरा खतौनी की प्रति के साथ क्रय केन्द्र पर धान विक्रय करने आयें, जिससे उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
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