इसके बाद खाद्य आपूर्ति विभाग ने भी मौके पर पहुंचकर दस्तावेजों की जांच की।जानकारी के अनुसार शमशेर सिंह निवासी नंगल जरियाला ने 1100 हेल्पलाइन पर दी शिकायत में सोसायटी के प्रधान पर मृत पोती के नाम सरकारी लेने का आरोप लगाया है। ऐसे में खाद्य आपूर्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं।
सोसायटी प्रधान के इस कारनामे से सब हैरान हैं। करीब ढाई साल से मृत पोती नाम राशन लेते रहने के बावजूद खाद्य आपूर्ति विभाग को भी इसकी भनक तक नहीं लगी। कालाबाजारी पर रोक लगाने के बजाय उक्त प्रधान ने खुद ही राशन हड़पने का काम किया है। इसकी इलाके में खूब चर्चा हो रही है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कुछ सरकारी अफसर और कर्मचारी बीपीएल सूची में पाए गए हैं। जो कि सूची में फर्जी तरीके से शामिल हुए थे। इन्होंने बीपीएल के लाभ भी उठाए हैं। अब मृत पोती के नाम पर सभा प्रधान पर ढाई साल तक राशन लेने के आरोप लगे हैं। उधर, खाद्य आपूर्ति विभाग की एमडी मानसी सहाय कहना है कि मामला उनके ध्यान में आया है। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
आरोप नकारे ऊना। सहकारी सभा के प्रधान ने शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को नकारा है। उन्होंने बताया कि मृतक बच्ची का नाम रिकॉर्ड से नाम हटा दिया है। उन्होंने विभाग से भी मांग की है कि गांव में बनाए गए बीपीएल और आईआरडीपी के कार्डों की जांच करवाए।
FROM - HIM NEWS
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