Kangra: चामुंडा मंदिर में इस बार नहीं लगेंगे मेले - शक्तिपीठ चामुंडा नंदीकेश्वर धाम में 17 से 25 अक्टूबर तक अश्विन नवरात्रों का आयोजन किया जाएगा। वीरवार को मंदिर सहायक आयुक्त एवं एसडीएम धर्मशाला हरीश गज्जू की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों और न्यास सदस्यों ने भाग लिया। हरीश गज्जू ने बताया कि मेले की तैयारियों को लेकर आयोजित मंदिर न्यास की बैठक में यह जानकारी दी गई कि नवरात्रों के दौरान यूपी राज्य के ज्यादातर श्रद्धालु चामुंडा मंदिर में दस्तक देते हैं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे गंभीरता से लेते हुए इस बार मेलों का आयोजन नहीं किया जाएगा। किसी प्रकार का कोई भी लंगर मंदिर में नहीं लगाया जाएगा। मंदिर में हलवा या अन्य गीला प्रसाद चढ़ाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध है। सूखा प्रसाद कोई भी श्रद्धालु अगर लाता है तो पर माता के सामने से ऐसे ही लगाकर वापस अपने घर ले जा सकता है। किसी को भी मंदिर के गर्भ गृह में जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। हरीश गज्जू ने बताया कि मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का पता व फोन नंबर नोट किया जाता है। इस मौके पर विभिन्न विभागों के अधिकारी व मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा, एटीओ अमित गुलेरी,कनिष्ठ अभियंता सुरेश कुमार के अतिरिक्त मंदिर कर्मचारी मौजूद रहे।
ज्वालाजी मंदिर में आरती और भोग की यह रहेगी समयसारिणी
ज्वालामुखी। शक्तिपीठ ज्वालामुखी में 17 अक्टूबर से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्रों में इस बार कुछ बदलाव हैं, जिनमें कोरोना के कारण अभी भी मंदिर के गर्भ गृह के अंदर श्रद्धालु प्रवेश नही कर सकेंगे।ज्वालामुखी मंदिर में पांच बार आरती होगी। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पहली आरती होगी। जिसमें मालपुआ, खोआ, मिस्री का प्रसाद चढ़ाया जाएगा, इसे मंगल आरती कहते हैं। दूसरी आरती पहली आरती से एक घंटा बाद होती है। इसमें पीले चावल और दही का भोग लगाया जाता है। तीसरी आरती दोपहर 12 बजे की जाएगी। इसमें चावल छह मिश्रित दालों और मिठाई का भोग लगाया जाता है। चौथी आरती सायंकाल 7 बजे की जाएगी। इसमें पूरी चना और हलवा का भोग लगता है। रात 9:30 बजे शयन आरती होगी। जिसमें माता के शयनकक्ष में सौंदर्य लहरी के मधुर गान के बीच सोलह सिंगार करने के बाद शयन मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
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