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Friday, October 16, 2020

शनिवार पहले नवरात्र को माता का आगमन घोड़े पर ज्योतिषी में बड़ी चिंता का विषय

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शनिवार पहले नवरात्र को माता का आगमन घोड़े पर ज्योतिषी में बड़ी चिंता का विषय

यूं तो हर नवरात्रि में पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती। माता का वाहन शेर है मगर इस बार पहले दिन माता ज्योतिष गणना के अनुसार घोड़े पर सवार होकर आ रही है।
जिसे हमारे ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार बड़ा ही चिंता का विषय माना जा रहा है। उधर इस समय चीन और पाकिस्तान के साथ बड़ी ही गंभीर स्थिति बनी हुई है। ऐसे में ज्योतिषियों के द्वारा की गई गणना चिंता की लकीरें खींच रही है।
हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विनी माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्र पर्व शुरू होता है। जोकि नवमी तिथि तक चलते हैं। यह पर्व शक्ति की उपासना का त्योहार माना जाता है। जिसमें भक्त 9 दिन तक मां के लिए व्रत रखते हैं इसके साथ मां के नौ रूपों की आराधना करते हैं। मां दुर्गा का मुख्य वाहन शेर है। अब यदि शास्त्रों की बात की जाए तो उनके अनुसार जब आदि शक्ति मां भगवती जगदंबिके पृथ्वी लोक में आती है तो उस दिन उनका वाहन भी निर्धारित होता है। जिसे ज्योतिष के नजरिए से भी देखा जाता है। ज्योतिष विज्ञान के जानकार आचार्य केशवानंद रतूड़ी का कहना है कि जिस वाहन पर माता का आगमन होता है उसके अनुसार पृथ्वी पर फलादेश के संकेत भी प्रिडिक्ट किए जाते हैं।
मगर इस बार 165 साल के बाद बड़ा ही अद्भुत योग बन रहा है। शारदीय नवरात्र पर हर वर्ष पितृपक्ष की समाप्ति के बाद नवरात्र शुरू हो जाते हैं। मगर इस बार अधिक मास यानी मलमास होने के कारण नवरात्रों की शुरुआत 1 महीने बाद होने जा रही है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य उदय के बाद 10 घड़ी तक या मध्यान्ह मैं अभिजीत मुहूर्त के समय शुभ फल प्रतिपदा में नवरात्र और कलश स्थापना किया जाता है। प्रतिपदा तिथि की पहली 16 घड़ियां और चित्र नक्षत्र में वैधता योग का पूर्वार्ध भाग कलश स्थापना के लिए वर्जित काल है।
प्रतिपदा अध्य षोडश नाड़ी निषेध, चित्रा- वैधृति योग, निषेधअस्च उक्त काल अनुरोधेन सती संम्भवे पालनीय “धर्मसिन्धु) इस वर्ष प्रतिपदा तिथि की प्रथम 16 घड़ियां 17 अक्टूबर 2020 ई को प्रात: लगभग 7 घं – 25 मि तक है अत एव अपने – अपने स्थानीय सूर्योदय के पश्चात् प्रात: 7 घं – 25 मि बाद में ही स्थापन, नवरात्रारम्भ, दीपूजन आदि को करना चाहिए।
घटस्थापना मुहूर्त
प्रातः काल 07:41से 09:06 तक
मध्यान वेला 11:16से 04:16
अभिजित मुहूर्त 11:34से12:19
दुर्गाष्टमी 24 को प्रातः 06:58तक
दुर्गानवमी 25को प्रातः 07:41 तक
17अक्टूबर 2020,शनिवार यानि कि माता का आगमन घोड़ा पर हो रहा है।जो चिंता का संकेत दे रहा है।घोड़ा पर माता का आगमन होने से सत्ता पक्ष में बैचेनी,प्रजा में हाहाकार,आक्रोश,हिंसा,रक्तपात,प्रशासनिक सेवा भी अस्तव्यस्त आदि हो सकती है साथ ही युद्ध या युद्ध की स्थिति,धरती के हिस्से में जोड़दार झटका,दुर्घटना एवं अन्य प्राकृतिक,अप्राकृतिक घटना जिसमें क्षति की संभावना अधिक प्रबल है।माता दुर्गा का गमन इस बार 26अक्टूबर2020 सोमवार को है।मां दुर्गा प्रस्थान भैंसा पर सवार हो कर करेंगी ।
जय माता दी जी 9555604217


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