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Tuesday, October 20, 2020

कूड़े के ढेर में 6 महीनों तक पड़ा रहा यह व्यक्ति, लोग समझ रहे थे पागल मगर सच्चाई सामने आई तो….. उड़ गए सबके होश और फिर जो हुआ….

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कूड़ेदान के ढेर में एक व्यक्ति पिछले 6 महीने से पड़ा हुआ था। आस-पास से गुजरने वाले लोग उसे पागल समझते थे और उसे बस एक नजर देखकर आगे बढ़ जाते थे। ऐसे ही एक पास से गुजरने वाले शख्स की नजर उस व्यक्ति पर पड़ी लेकिन दूसरे लोगों की तरह वह व्यक्ति वहां से चला नहीं गया बल्कि उसने उसकी व्यथा सुनी और कुछ ही घंटों पश्चात उसे उसके परिजनों तक पहुंचा दिया। दरअसल, जो व्यक्ति कूड़े के ढेर में पिछले 6 महीनों से बैठा हुआ था उसका मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ था। पिता की मौत के बाद उसकी दिमागी हालत खराब हो गयी थी और वह बिना किसी को कुछ बताये अस्पताल से निकल गया था। मगर जैसे ही उसके परिजनों को सूचना मिली कि वह नोएडा में पाया गया है वह तुरंत उसे लेने पहुंच गए। उसे फिलहाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कूड़े के ढेर में पड़ा था भूखा-प्यासा

बता दें, ग्रेटर नोएडा के साइट-4 स्थित वेनिस मॉल के सामने इंडस्ट्रियल एरिया है। यहां पर सेक्टरों और कंपनियों से निकलने वाला कूड़ा फेंका जाता है। यहीं पर डेल्टा-1 निवासी सुनील नागर को विकास उर्फ़ पप्पू यादव कराहते हुए मिला था। विकास उर्फ़ पप्पू यादव मूलरूप से बिहार के पटना का रहने वाला है। सुनील ने बताया कि वह कई दिनों से इस कूड़े के ढेर में भूखा-प्यासा पड़ा था। उसके विषय में जब सुनील ने पता करने की कोशिश की तो विकास उर्फ़ पप्पू ने अंग्रेजी के कुछ टूटे-फूटे शब्द बोले। काफी देर पप्पू से बातचीत करने के बाद उसने एक फोन नंबर बताया। सुनील के अनुसार वह कुछ ख़ास नहीं बता पा रहा था। पप्पू द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर जब सुनील ने कॉल किया तो वह उसके फूफा का नंबर निकला। जिसके पश्चात मामले की पूरी जानकारी फूफा को दी गयी और रात को विडियो कॉल करने पर पप्पू अपने फूफा को देखकर रो पड़ा।

माता-पिता की मौत के बाद बिगड़ा मानसिक संतुलन
पप्पू के फूफा ने सुनील को बताया कि उसके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। माता-पिता के जाने का गम वह सहन नहीं कर पाया और अपना मानसिक संतुलन खो बैठा। पप्पू का इलाज भी कराया जा रहा था लेकिन वह एक दिन अस्पताल से अचानक गायब हो गया। हालांकि, वह नोएडा कैसे पहुंचा इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं है। सुनील ने 108 नंबर पर कॉल करके एम्बुलेंस की मांग की मगर कोई एम्बुलेंस उसे नहीं मिली।

उसके बाद सुनील ने स्थानीय पुलिस की मदद लेकर उसे पास के अस्पताल में भर्ती कराया। पिछले 6 महीनों से लोग पप्पू को देखकर गुजर जाते थे मगर किसी ने भी उसके बारे में जानने की कोशिश नहीं की। लेकिन सुनील के कुछ घंटों के प्रयास के बाद पप्पू अपने परिजनों के पास पहुंच गया था। सुनील इससे पहले भी पंजाब के रहने वाले अंग्रेज सिंह को उनके परिजनों से मिला चुके हैं।
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