साथ ही इस घंटे के एक बार बजने पर ‘ॐ’ की आवाज निकलेगी. तमिलनाडु रामेश्वरम से 613 किलो वजन का कांस्य से बना यह विशेष घंटा राम रथ यात्रा से 4500 किलोमीटर की यात्रा करके बीते मंगलवार को अयोध्या पहुंचा है. भगवान श्रीराम को यह विशेष घंटा तमिलनाडु की लीगल राइट काउंसिल की ओर से भेंट किया गया है.

राजलक्ष्मी माडा रामरथ में रखकर इस घंटे को लेकर आई हैं. राजलक्ष्मी के नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. वो बुलेट रानी के नाम से मशहूर हैं. तमिलनाडु की रहने वाली राजलक्ष्मी मांडा विश्व में दूसरी महिला हैं जिन्होंने 9.5 टन वजन खींचने का वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया है. रामरथ में जहां एक ओर कांस्य से बना 613 किलो वजनी विशेष घंटा रखा गया है, वहीं भगवान श्रीराम, मां सीता, लक्ष्मण, हनुमान जी के साथ गणपति की कांस्य से बनी प्रतिमाएं रख कर लाई गई हैं.
17 सितंबर 2020 को तमिलनाडु के रामेश्वरम से शुरू हुई एक ‘राम रथ यात्रा’ को 21 दिन में 10 राज्यों से होकर 7 अक्टूबर को अयोध्या पहुंची. चेन्नई स्थित लीगल राइट्स काउंसिल ’द्वारा आयोजित यात्रा में, जय श्री राम’ के साथ 4.1 फीट लम्बी घंटी को राम मंदिर के लिए उतारा गया है. दरअसल अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के बाद भक्त अपनी श्रद्धा और क्षमता के मुताबिक, कुछ न कुछ भेंट कर रहे हैं.
कांसे से बना हुआ ये घंटा 4 फीट ऊंचा है और वजन है 613 किलो
राम मंदिर में लगने वाला यह घंटा अनूठा है. यह 4 फीट ऊंचा है और वजन 613 किलो है. कांसे से बना हुआ है. इसकी चौड़ाई 3.9 फीट है. अयोध्या पहुंचने पर राजलक्ष्मी मांडा ने कहा कि उनका जीवन धन्य हो गया. वे भगवान श्री राम के रथ को तमिलनाडु से अयोध्या तक खुद ड्राइव करके आई हैं. इस यात्रा में कुल 18 लोग तमिलनाडु से अयोध्या पहुंचे हैं. इस मौके पर सांसद, नगर विधायक, महापौर, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित कई अन्य लोग मौजूद थे. राम मंदिर का निर्माण के लिए इस समय बहुत तेज़ी से कार्य चल रहा है. उम्मीद है कि, नवरात्रि के पहले दिन से इसका निर्माण कार्य विधिवत रूप से प्रारम्भ हो जायेगा.
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