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Tuesday, October 6, 2020

जल्द ही पर्यटक की दृष्टि से विकसित होगा चूड़धार, खर्च होंगे 3 करोड़

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समुद्र तल से 11985 फुट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार के प्रसिद्ध शिरगुल मंदिर में देवता के दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। बर्फबारी के कारण चूड़धार मंदिर 30 नवंबर से लेकर पहली मई तक बंद रहता है। प्रसाशन पहली मई के बाद ही यात्रा करने की अनुमति देता है। बता दें कि अधिकतर लोग चूड़धार की यात्रा करने के दौरान रास्ता भटक जाते है। जिसके कारण कई हादसे भी हो चुके हैं। अधिकतर लोग सिरमौर जिला के नौहराधार से इस यात्रा को शुरू करते है।

पिछले एक दो सालों में चूड़धार के जंगलों में रास्ता भटकने के मामले काफी बढ़े है। देश के अन्य राज्यों से आने वाले यात्री अकसर रास्ता भटक जाते है। लोगों के रास्ता भटकने के बाद पुलिस को रेस्क्यू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी के दृष्टिगत अब चूड़धार की राह को आसान बनाने के लिए तीन करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। जल्द ही चूड़धार पर्यटन की दृष्टि से विकसित होगा।

हिमाचल सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से नौहरधार से चूड़धार तक विकास कार्यों को गति देने के लिए साढ़े तीन करोड़ से विभिन्न तरह के कार्यों को अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसके तहत नौहराधार से चूड़धार तक ट्रैक बनाया जाएगा। जगह-जगह पर पर्यटकों के लिए ठहराव की उचित सुविधाएं मिलेंगी वहीं कैफेटेरिया भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा भी पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किए जाएंगे।

विभाग ने दो बार सर्वे करके पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र में विकास की विभिन्न गतिविधियों को डीपीआर में शामिल किया है। जिला पर्यटन अधिकारी राजीव शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि अब चूड़धार जाने के लिए पर्यटकों को भटकना नहीं पड़ेगा। चूड़धार पर्यटक की दृष्टि से विकसित होगा जिसके चलते 3.50 करोड़ प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि चूड़धार में ना तो अच्छा रास्ता है और ना ही खानपान और ठहराव की उचित व्यवस्था है। जिसके चलते श्रद्धालुओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। परंतु अब ऐसा नहीं होगा। चूड़धार में अब श्रद्धालुओं को हर सुविधा उपलब्ध की जाएगी।


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