केक सुनते ही अच्छो –अच्छो के मुंह में पानी आ जाये किन्तु आज के इन केक के फोटोज देखकर आपके मुंह में पानी ना आये शायद ऐसा क्यों आप खुद ही निचे फोटो देख लीजिये…
अलग-अलग संस्कृतियां हैं तो दुनियाभर के देशों में जन्मदिन मनाने के अलग-अलग तरीके होना स्वाभाविक है. तमाम जगहों पर जन्मदिन मनाने के साथ-साथ कुछ ऐसे अजीबो-गरीब चलन भी अंजाम दिए जाते हैं कि उन्हें लेकर जेहन में पहला सवाल यही आता है कि आखिर ऐसा क्यों हैं?
1. गोबर केक, साथ में मक्खियाँ भी

जैसे कि ब्रिटेन में बर्थडे बंप (जिसका जन्मदिन है उसे पकड़कर हवा में उछालना) दिए जाते हैं. हंगरी में कान खींचे जाते हैं तो वहीं जर्मनी में जिस व्यक्ति का जन्मदिन होता है
वह उस दिन नगर के सामुदायिक भवन या चर्च की सफाई करता है. बर्थडे केक को चेहरे पर लगाना भी एक ऐसा ही रिवाज है. बाकियों के मुकाबले यह चलन पूरी दुनिया में फैला है और सबसे दिलचस्प बात है कि
इसके पीछे भी कोई तार्किक उद्देश्य समझ नहीं आता. भारत के मामले में कहा जा सकता है कि केक काटने का चलन ही यहां पश्चिम से आया है तो उसे मुंह पर लगाने की आदत भी पीछे-पीछे आ गई.
2. चिकन केक ,लगता है बर्थडे बॉय को नॉनवेज कुछ ज्यादा ही पसंद हैं

असल में यह चलन कहां से शुरू हुआ इसकी पड़ताल करने पर जाएं तो पता चलता है कि दुनियाभर में जन्मदिन के मौके पर पर बर्थडे बॉय या गर्ल को केक से सराबोर करने या इससे मिलती जुलती कई परंपराएं प्रचलित हैं.
जैसे जमैका में जिस व्यक्ति का जन्मदिन हो उस पर आटा (केक भी आटे से ही बनता है) छिड़का जाता है. आटा लगाने के पीछे मंशा यह होती है कि व्यक्ति हमेशा समृद्ध रहे.
3. bum केक, अब क्या कहे नि: शब्द

वैसे याद करें तो भारत में भी शादियों के समय लावा और पूजा पाठ करते अक्षत छिड़कने की परंपरा है. कनाडा में भी इससे मिलता-जुलता ही एक रिवाज प्रचलित है.
विशेषकर बच्चों के जन्मदिन पर उनकी नाक पर मक्खन या कोई चिकनाई लगाई जाती है जिसे नोज ग्रीजिंग कहा जाता है.
4. नॉजी केक

चिकनाई लगाने के पीछे यह रोचक वजह बताई जाती है कि इससे नाक पर फिसलन हो जाती है जिससे बुरी शक्तियां या आपदाएं उसकी नाक से टकराकर फिसल जाती हैं और बच्चा मुसीबतों से बचा रहता है.
केक मुंह पर पोतने का चलन शुरू होने की एक बड़ी वजह अमेरिका में छोटे बच्चों के लिए होने वाला ‘स्मैश केक’ आयोजन लगता है. यहां बच्चों के पहले जन्मदिन पर उनके लिए एक विशेष केक तैयार करवाया जाता है.
5. कमोड केक, ऐसा केक बनवाने का क्या मकसद हो सकता है

बच्चे के सामने रखकर उसे मनचाहे तरीके से खाने दिया जाता है. स्वाभाविक है कि एक साल की उम्र वाले बच्चे उसे बिखेरते हुए, हाथ मुंह और कपड़ों को केक से रंगते हुए खाएंगे.
स्मैश केक की तस्वीरें लोगों के लिए उम्रभर की यादगार होती हैं. हालांकि जन्मदिन पर स्मैशकेक की यह रस्म बच्चों के लिए थी लेकिन बाद में यह बड़ों को भी पसंद आने लगी. संभव है दुनियाभर में चेहरे पर केक लगाने के चलन के पीछे स्मैशकेक ने एक मजबूत भूमिका निभाई हो.
6. एब्स केक, बॉडीबिल्डर का बर्थडे हो सकता है

वैसे इस परंपरा की जड़ें प्राचीन रोम तक जाती हैं. प्राचीन रोम में नववधू के सिर पर सूखा केक तोड़ा जाता था. यह रस्म वर-वधू के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि की कामना से की जाती थी.
इस रस्म के कई मायने थे, जैसे दूल्हे द्वारा दुल्हन के सिर पर केक तोड़ने का मतलब था कि अब उसका पत्नी पर उसका पूरा अधिकार है और इसके साथ ही केक का तोड़ा जाना दुल्हन के कौमार्य खत्म होने का संकेत था.
7. कॉकरोच केक, इसे कैसे खायेगा कोई

समय के साथ केक तोड़ने की जगह केक काटने की परंपरा शुरू हो गई. दूल्हा-दुल्हन के बीच एक दूसरे के चेहरे पर अधिक से अधिक केक लगाकर अधिकार जताया जाने लगा. ऐसा माना जाता है वेडिंग केक स्मैश में जो अपने साथी पर ज्यादा केक लगाता है, गृहस्थी में उसी की चलती है.
8. न्यू बोर्न बेबी केक, omg अब इसे कौन खा सकता हैं

शादी में निभाई जाने वाली यह रस्म जन्मदिन से कैसे जुड़ गई इसकी कोई स्पष्ट वजह नहीं पता चलती. ऐसा माना जा सकता है कि पश्चिम की शादियों का यह चलन अपने मकसद को छोड़कर सिर्फ मनोरंजन के लिए बर्थडे केक तक आ गया हो.
9. डेड मैंन केक, हद हो गई ऐसा केक ना सुना ना देखा

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