हिमाचल की सीमाएं खोलने के निर्णय से होटल एवं रेस्तरां मालिकों सहित इनमें सेवाएं देने वाले कर्मचारियों को भी फिर से काम धंधा शुरू होने की उम्मीद जगी है। करीब छह माह से बंद पड़े पर्यटन कारोबारियों को लंबे सूखे के बाद राहत मिलती दिख रही है। देश के दूरदराज से नहीं, तो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित आसपास के लोगों के आवागमन से धीरे-धीरे हालात पटरी पर आ सकते हैं। हालांकि अभी तक ट्रांसपोर्टर्ज की तरह होटल कारोबारियों को भी अगले कुछ महीनों तक हालात सामान्य होने के लिए इंतजार ही करना पड़ेगा। परिवहन व्यवस्था को खोले लंबा समय होने के बावजूद अभी तक गिनी-चुनी बसें ही सेवाएं दे रही हैं।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट को अभी तक लोग नहीं अपना पाए हैं। ऐसे में होटलों व रेस्तरां को भी पूरी तरह से सुचारू होने में समय लगेगा, लेकिन सरकार के नए निर्णय से पर्यटन उद्योग के यह संस्थान खुले रहेंगे और प्रदेश के सैंकडों ही युवा फिर से अपने काम पर लौट आएंगे। होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन धर्मशाला ने कोरोना काल के बीच सरकार द्वारा प्रदेश की सीमाओं को खोलने के फैसले का स्वागत किया है।
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बिना किसी प्रतिबंध के राज्य की सीमाओं को खोलने से मृत पड़ा पर्यटन उद्योग एक बार फिर पटरी पर आएगा। मुख्यमंत्री ने होटल संचालकों के अनुरोध को स्वीकार करके न सिर्फ होटल मालिकों, बल्कि इस रोजगार से जुड़े लाखों लोगों को भी राहत दी है। होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्विनी बांबा ने कहा कि सरकार का यह सकारात्मक कदम न केवल पयर्टन उद्योग को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा, बल्कि पिछले छह महीनों से कोरोना के कारण बंद पड़े होटल उद्योग में लगे लाखों श्रमिकों को रोजगार प्रदान करेगा। वहीं शहर की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में भी मदद करेगा। होटल एसोसिएशन राज्य में सुरक्षित और बेहतर पर्यटन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी सभी कदम उठाएगी।
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