हिमाचल में एक ऐसा मंदिर जहां माता को पसीना आते ही भक्तों की हर मनोकामना हो जाती है पूरी
वैसे तो पुरे विश्व में देवी मां के अनेकों मंदिर है लेकिन देवभूमि कही जाने वाले हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा मंदिर स्थित है। जो की वह की मान्याताओं के साथ- साथ अनोखे रीति रिवाजों को चलते प्रसिद्ध माना जाता है ।
चम्बा जिले में स्थित प्रसिद्ध देवीपीठ भलेई माता के मंदिर की अगर बात करें तो उनकी बात के बेहद निराली है। कहा जाता है कि चंबा रियासत के तत्कालीन राजा प्रताप सिंह को माता भलेई ने सपने में दर्शन देकर उन्हें चंबा ले जाने का आदेश दिया था।
राजा ने भ्राण पहुंचकर विद्वानों के कहे अनुसार पूर्ण विधि-विधान से माता भद्रकाली भलेई की प्रतिमा को सुंदर पालकी में विराजमान करवाकर चंबा की ओर प्रस्थान किया परंतु भलेई पहुंचने पर माता को यह स्थान भा गया और माता ने राजा को पुन: स्वप्न में दर्शन देकर इसी स्थान पर मंदिर बनवाने का आदेश दिया। राजा ने माता के आदेशानुसार यहां मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर में पहले महिलाअों का आना वर्जित था लेकिन माता ने अपनी भक्त को सपने में दर्शन देकर महिलाअों को मंदिर में आने का आदेश दिया।
माना जाता है कि मां जब प्रसन्न होती हैं तोे उनकी प्रतिमा से पसीना बहने लगता है।
उस वक्त जितने भी श्रद्धालु मौजूद होते हैंं, सबकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। कहा जाता है कि माता इसी गांव में प्रकट हुई थी उसके बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। तब से लेकर आज तक इस शक्तिपीठ में जो भी श्रद्धालु आते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।मंदिर में होने वाले इस साक्षात चमत्कार को देखकर भारत के वैज्ञानिक भी हैरान है कि आखिर यह पसीना आता कहां से है. कई वैज्ञानिकों ने मंदिर के रहस्य को सुलझाने के लिए बहुत प्रयास किया परन्तु उन्हें भी इसका जवाब नहीं मिल पाया.
वैसे तो पुरे विश्व में देवी मां के अनेकों मंदिर है लेकिन देवभूमि कही जाने वाले हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा मंदिर स्थित है। जो की वह की मान्याताओं के साथ- साथ अनोखे रीति रिवाजों को चलते प्रसिद्ध माना जाता है ।
चम्बा जिले में स्थित प्रसिद्ध देवीपीठ भलेई माता के मंदिर की अगर बात करें तो उनकी बात के बेहद निराली है। कहा जाता है कि चंबा रियासत के तत्कालीन राजा प्रताप सिंह को माता भलेई ने सपने में दर्शन देकर उन्हें चंबा ले जाने का आदेश दिया था।
राजा ने भ्राण पहुंचकर विद्वानों के कहे अनुसार पूर्ण विधि-विधान से माता भद्रकाली भलेई की प्रतिमा को सुंदर पालकी में विराजमान करवाकर चंबा की ओर प्रस्थान किया परंतु भलेई पहुंचने पर माता को यह स्थान भा गया और माता ने राजा को पुन: स्वप्न में दर्शन देकर इसी स्थान पर मंदिर बनवाने का आदेश दिया। राजा ने माता के आदेशानुसार यहां मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर में पहले महिलाअों का आना वर्जित था लेकिन माता ने अपनी भक्त को सपने में दर्शन देकर महिलाअों को मंदिर में आने का आदेश दिया।
माना जाता है कि मां जब प्रसन्न होती हैं तोे उनकी प्रतिमा से पसीना बहने लगता है।
उस वक्त जितने भी श्रद्धालु मौजूद होते हैंं, सबकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। कहा जाता है कि माता इसी गांव में प्रकट हुई थी उसके बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। तब से लेकर आज तक इस शक्तिपीठ में जो भी श्रद्धालु आते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।मंदिर में होने वाले इस साक्षात चमत्कार को देखकर भारत के वैज्ञानिक भी हैरान है कि आखिर यह पसीना आता कहां से है. कई वैज्ञानिकों ने मंदिर के रहस्य को सुलझाने के लिए बहुत प्रयास किया परन्तु उन्हें भी इसका जवाब नहीं मिल पाया.
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