हिमाचल प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में तो उद्योगों की आवक के कारण खूब विकास की बयार बही लेकिन पहाडी क्षेत्र आज भी सडकों की कनेक्टिविटी से मरहुम है। जिसका खामियाजा बिमार लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जिला कुल्लू की शांघड़ पंचायत के लपाह गांव में आजादी के कई सालों बाद आज भी सडक सुविधा न होने के कारण अधिकतर मरीज रास्ते में ही दम तोड देते हैं।
बता दें कि कुल्लू जिले में सैंज घाटी की अति दुर्गम पंचायत शांघड़ के धारा लपाह गांव में 85 वर्षीय बुजुर्ग मने राम की शनिवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों की सहायता से मरीज को उपचार के लिए कुर्सी पर उठाकर 10 किलोमीटर पैदल चलकर ऊबड़-खाबड़ तथा ढंघार वाले भयानक रास्ते से सड़क तक पहुंचाया।
यहां से दस किलोमीटर गाड़ी में सफ़र करने के बाद व्यक्ति ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। ग्रामीणों का कहना है कि वह पिछले कई दशकों से सड़क की मांग कर रहे परन्तु अभी तक सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। वहीँ, गुस्साए ग्रामीणों ने पंचायती राज चुनाव के बहिष्कार की भी चेतावनी दी है।
from HIM NEWS
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