दो साल की बीएड करने वालों के लिए साल 2030 के बाद भी नौकरी के दरवाजे खुले रहें, इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किए गए नए प्रावधान में राहत देने का रास्ता निकाला जाएगा। केंद्र सरकार ने साल 2030 के बाद सिर्फ चार साल की बीएड करने वालों को ही शिक्षक बनने के लिए पात्र बताया है। ऐसे में प्रदेश के हजारों पुरानी डिग्री धारकों के हित में हिमाचल सरकार जल्द ही केंद्र सरकार के समक्ष मामला उठाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर केंद्र सरकार को भेजी जानी वाली रिपोर्ट में भी इस समस्या का उल्लेख किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पष्ट किया गया है कि चार वर्ष की बीएड करने वालों को ही साल 2030 के बाद नौकरी के लिए पात्र माना जाएगा। इसके लिए जल्द ही प्रदेश के कॉलेजों में फर्स्ट ईयर से ही एजूकेशन विषय को पूरी तरह से शुरू किया जाना है। तीन साल तक कॉलेज और एक वर्ष की बाद में एजूकेशन विषय की पढ़ाई करने वालों को ही बीएड की डिग्री मिलेगी। इसके लिए प्रदेश में बीएड का पाठ्यक्रम भी बदला जाना है। इसी बीच प्रदेश के उन हजारों बीएड धारकों के सामने संकट खड़ा हो गया है, जिन्होंने दो साल की बीएड की हुई है। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा का कहना है कि इस मामले को केंद्र सरकार से उठाया जाएगा। इस मामले को लेकर अभी विस्तृत गाइडलाइन आनी है। उम्मीद है कि दो साल की बीएड करने वालों को इसके तहत राहत दी जाएगी।
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