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Thursday, September 17, 2020

स्कूल में बंधक बनाए डिप्टी डायरेक्टर, एसडीएम को दी सूचना, होगी सख्त कार्रवाई

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हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा के दौरान डिप्टी डायरेक्टर समेत फ्लाइंग स्क्वायड को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। दरअसल बुधवार को एसओएस के तहत सप्लीमेंट्री एग्जाम का आयोजन किया गया। इस दौरान एक निजी स्कूल के सेंटर में औचक निरीक्षण के लिए बिलासपुर जिला के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक की अगवाई में एक टीम पहुंची और नकल के 11 केस बनाए। इस टीम को दस मिनट तक कमरे में ही बंधक बनाए रखा। साथ ही उपनिदेशक व उनकी टीम के साथ न केवल काफी समय तक बहसबाजी की गई, बल्कि अनावश्यक दबाव भी बनाया गया।

जानकारी के मुताबिक सप्लीमेंट्री एग्जाम के तहत जिला में 15 सेंटर बनाए गए हैं। मंगलवार से यह एग्जाम शुरू हुए हैं, जिसके औचक निरीक्षण के लिए तीन फ्लाइंग स्क्वायड टीमों का गठन गया है। एक प्रारंभिक, एक उच्च व एक निरीक्षण विंग की टीम सेंटर्स का निरीक्षण कर रही हैं। बुधवार को दसवीं का हिंदी और जमा दो कक्षा का अर्थशास्त्र का एग्जाम था। बिलासपुर के प्रारंभिक उपनिदेशक सुदर्शन कुमार अपनी टीम टीजीटी नॉन मेडिकल राजेश कुमार, टीजीटी मैथ्स जगतार सिंह व क्राफ्ट टीचर विजया कुमारी के साथ बुधवार सुबह सवा दस बजे कुठेड़ा के एक निजी स्कूल पहुंचे। डिप्टी डायरेक्टर के अनुसार पहले तो वहां उपस्थित चपरासी ने स्कूल में एंट्री के लिए शटर ही नहीं खोला और जब वह अंदर पहुंचे और सीधे दसवीं के हिंदी पेपर के निरीक्षण के लिए हॉल में पहुंचे, तो वहां उपस्थित सभी कैंडीडेट सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बावजूद सरेआम नकल कर रहे थे। कुल संख्या बीस थी, जबकि नकल करते हुए 11 कैंडीडेट पकड़े गए, जिन पर केस बनाए हैं।


इसके बाद जबकि वे जमा दो के पेपर का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे, तो वहां भी बाहर नकल की सामग्री पड़ी थी। इसका मतलब साफ है कि जब वे नीचे हॉल में पहुंचे, तो ऊपर सूचना दे दी गई, जिसके चलते जब प्लस टू के एग्जाम हॉल में पहुंचे, तो नकल सामग्री गायब कर दी गई थी। सुदर्शन कुमार के अनुसार स्कूल में उपस्थित स्टाफ व को-ऑर्डिनेटर उनके साथ उलझने लगे और काफी समय तक बहस करते रहे। यहां तक कि उनके आईकार्ड तक चैक किए गए। जब बोर्ड की हेल्पलाइन पर फोन मिलाया और वास्तुस्थिति से अवगत करवाया तो वहां उपस्थित स्टाफ ने उन्हीं पर बाहर से नकल लाने के आरोप मढ़ने शुरू कर दिए। सिग्नेचर शीट तक नहीं दी गई और स्टैंप भी उपलब्ध नहीं करवाई गई और काफी समय तक बेवजह उलझते रहे। अनावश्यक दबाव भी बनाया और हर किसी को फोन मिलाते रहे।

छात्रों के पास न मास्क, न सेनेटाइजेशन की व्यवस्था

डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि सेंटर में कोविड के नियमों का उल्लंघन भी पाया गया। न तो वहां किसी भी कैंडीडेट के पास मास्क था और न ही वहां सेनेटाइजेशन की कोई व्यवस्था थी। थर्मल स्कैनर तक नहीं था। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने निरीक्षण के दौरान सीसीटीवी फुटेज देखनी चाही और कमरे में प्रवेश किया, तो बाहर से एक लेडी टीचर ने कमरे की कुंडी लगा दी और उन्हें बंद कर दिया। उन्हें कमरे में दस मिनट तक बंधक बनाए रखा और एसडीएम को फोन कर सारी स्थिति बताने का पता चलते ही कमरे की कुंडी खोली, तब कहीं जाकर वे बाहर निकले और अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। इस मामले की जांच की जाएगी और वे जल्द ही उच्च शिक्षा उपनिदेशक से स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश करेंगे। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को भी पत्र लिखकर स्कूल की मान्यता रद्द करने बारे सिफारिश की जाएगी।
FROM - HIM NEWS
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