
बालीवुड अभिनेत्री और हिमाचली बाला कंगना रणौत की सुरक्षा को लेकर बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा भी चिंतित दिखी। यहां इस मामले पर दोनों पक्षों में तनातनी होते-होते रही, लेकिन दोनों पक्षों का विचार एक जैसा ही था। हालांकि विपक्ष के एक विधायक ने मसले को अदालती बताया, परंतु सुरक्षा की दृष्टि से सभी ने चिंता जताई। भोजनवाकाश के बाद विधायक होशियार सिंह ने मामला उठाया कि मुंबई में कंगना के कार्यालय को बीएमसी ने तोड़ दिया है। उनकी सुरक्षा को खतरा है। प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार ने सुरक्षा मुहैया करवाई है, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार को इस मामले पर आग्रह किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में है, जहां से फैसला आने से पहले ही बीएमसी ने अपनी कार्रवाई कर दी और कार्यालय को तोड़ दिया, जोकि निंदनीय है। उन्होंने कहा कि वहां पर कांग्रेस की गठबंधन सरकार है, लिहाजा कांग्रेस को भी बात करनी चाहिए। वहां विधानसभा में कंगना के खिलाफ प्रीवलेज मोशन भी लाया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार कंगना के साथ है। कंगना हिमाचली हैं और उन्होंने बालीवुड में हिमाचल का नाम चमकाया है। वह हिमाचल का गौरव हैं।
उनके पिता ने लिखा था, जिसपर वाई सिक्योरिटी राज्य सरकार व केंद्र सरकार ने मुहैया करवाई है। अब सूचना मिली है कि मुंबई में उनका दफतर तोड दिया गया है, जोकि निंदनीय है। हिमाचल सरकार कंगना के साथ है, जिनको मुंबई में धमकी दी गई है। वह उम्मीद रखते हैं कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले का समाधान निकालेगी। विधायक रामलाल ठाकुर ने इसे कानूनी मसला बताया और कहा कि मामले पर यहां चर्चा नहीं हो सकती है, जिस पर सीएम ने कहा कि हमारा मकसद उनकी सुरक्षा से जुड़ा है, न कि अदालत के मामले में हस्तक्षेप करने से। विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने भी चिंता जताई, वहीं गोबिंद सिंह ठाकुर ने भी इसे गंभीर मामला बताया। विपक्ष के नेता मुकेश ने कहा कि कांग्रेस विधायक का मकसद यह नहीं था। हम भी कंगना की सुरक्षा चाहते हैं और इस पर जो हो सकेगा, करेंगे। विधायक जगत सिंह नेगी इस बीच अपने क्षेत्र का मसला उठाने लगे, जिस पर सत्तापक्ष भड़क उठा। सीएम ने भी उन्हें गुस्से से देखा, जिस पर परमार ने मामले में बीच बचाव किया और बात आगे बढ़ी।
FROM - HIM NEWS
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