
आज एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर शिमला जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षाओं को लेकर मात्र औपचारिकता पूरी कर रहे है। छात्र बिना परिवहन की सुविधा के इस बरसात के समय मे पैदल परीक्षा केंद्रों तक पहुंच रहे है। इसी बीच अभी तक 5 छात्र इन परीक्षाओं के दौरान इस महामारी से संक्रमित हुए है व उनके सम्पर्क में आये 11 लोगों को भी क़वारन्टीन किया गया है।
लेकिन प्रशासन अभी तक इस महामारी को हल्के में ले रहा है। जिसका अंदाजा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा स्नातकोत्तर कक्षाओं को लेकर जारी की गई परीक्षा केंद्रों की सूची से लगाया जा सकता है, जिसमे लगभग 60 हजार के करीब रेगुलर व प्राईवेट छात्र परीक्षा देने वाले है लेकिन परीक्षा केंद्र मात्र 38 बनाए गए है ,यानी एक परीक्षा केंद्र में लगभग 1600 छात्र परीक्षाएँ देंगे।
एसएफआई राज्य कमेटी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जहां इस महामारी के दौर में कई राज्य आम जनता की आर्थिक परेशानियों को समझते हुए उन्हें आर्थिक सहायता के रूप में सहयोग कर रही है वही हिमाचल सरकार इस आपदा को अवसर में बदलते हुए इसे कमाई का जरिया बना रही है। प्रदर्शन के माध्यम से एसएफआई ने मांग की है कि सरकार स्नातक प्रथम व द्वितीय कक्षाओं के छात्रो को शीघ्र प्रमोट करे।
शिक्षा में 18% GST के फैसले को प्रदेश सरकार शीघ्र वापिस लें। फीस वृद्धि को लेकर जारी उच्च न्यायालय के आदेशों को लागू करते हुए UIIT, UILS व बीएड के छात्रो से मात्र ट्यूशन फीस ही ली जाए। अगर सरकार छात्रों की इन जायज माँगो को शीघ्र हल नही करती है तो एसएफआई जल्द ही प्रदेश भर से छात्रो को लामबद्ध करते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी।
from HIM NEWS
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