
पूरा विश्व एक अदृश्य विषाणु के प्रकोप से त्रस्त है। मानवता त्राहि-त्राहि कर रही है। जीवन के सभी क्षेत्रों में इसके प्रभाव परिलक्षित हो रहे हैं। सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक, आर्थिक, धार्मिक कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो कोरोना से प्रभावित न हुआ हो। 2020 की शुरुआत में कोविड-19 के प्रसार के डर से प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की सभी शैक्षिक संस्थाओं को बंद कर दिया है।
कोरोना वायरस के इस संक्रमण काल में काफी बदलाव भी नजर आ रहे हैं। ऐसे में अधिकांश चीजें ऑनलाइन हो रही हैं। बच्चों के स्कूल-कॉलेज बंद हैं। ऐसे में पठन-पाठन भी ऑनलाइन हो रहा है। बच्चों की सभी कक्षाएं ऑनलाइन चल रही हैं। जिला में सरकारी स्कूलों के अध्यापक बच्चों के घर-घर जाकर उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई में पेश आ रही दिक्कतों का समाधान कर रहे हैं और साथ ही बच्चो को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।दुनिया में फैली कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा देने में देश की राजधानी दिल्ली के बाद हिमाचल दूसरे नंबर पर है।
बता दे कि यहां के शिक्षक बच्चों को 8 से 10 घंटे तक पढ़ा रहे हैं। आपको बता दें कि ऑनलाइन शिक्षा मुहैया करवाने में प्रदेश में ऊना जिला प्रथम स्थान काबिज है। प्रदेश में ऊना जिला ऑनलाइन शिक्षा मुहैया करवाने में बाकी जिलों से 150% आगे हैं। हर घर पाठशाला लिंक द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में सरकारी स्कूलों में करीब 6 लाख विद्यार्थी हैं। इनमें से करीब 5.15 लाख विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े हैं।
from HIM NEWS
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