हिमाचल के चंबा जिले के खज्जियार की ग्राम पंचायत कोहलड़ी के धामग्रां से पालकी में उठाकर अस्पताल लेकर जा रहे 70 वर्षीय बीमार बुजुर्ग ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। धामग्रा निवासी चमन लाल की सुबह के समय अचानक तबीयत खराब हो गई। परिजन ग्रामीणों की मदद से उसे पालकी में उठाकर चंबा मेडिकल कॉलेज के लिए निकल पड़े। सड़क के अभाव में परिजनों को बीमार व्यक्ति पहले पालकी में उठाकर दो किमी दूर खज्जियार पहुंचाना था।
जहां से उसे निजी गाड़ी के जरिए चंबा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया जाना था। लेकिन खज्जियार से आधा किमी पीछे गंगू बेई गांव के पास बुजुर्ग ने अपना दम तोड़ दिया। परिजन व ग्रामीण मृत देह को वहीं से वापस घर ले गए। जहां पर शव का अंतिम संस्कार किया गया। अगर धामग्रा से कोहलड़ी तक सड़क बनी होती तो शायद उपरोक्त बुजुर्ग बीमार व्यक्ति बीच रास्ते में दम नहीं तोड़ता। इसको लेकर सभी ग्रामीणों में भारी रोष है।
ग्रामीणों में पवन कुमार, सोनू, सुभाष, दीनानाथ, महिंद्र, काकू राम, रमेश कुमार व ओम प्रकाश का कहना है कि सड़क ना होने की वजह से गांव में बीमार होने वाले व्यक्ति को पालकी या पीठ में उठाकर ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाना पड़ता है। हालांकि कोहलड़ी से धामग्रां तक सड़क बनाने को लेकर ग्रामीण लंबे समय से मांग कर रहे हैं। लेकिन उनकी मांग आज दिन तक पूरी नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उपरोक्त सड़क बनी होती तो शायद बुजुर्ग समय पर अस्पताल पहुंच जाता। जिससे उसकी जान भी बच सकती थी। लेकिन सड़क के अभाव में इस तरह पहले भी कई मरीज बीच रास्ते में दम तोड़ चुके हैं। इसलिए उपरोक्त सड़क का निर्माण होना काफी आवश्यक है। कहा कि सड़क बन जाने से काकेला, रौण, रेस, कोटा, थोल सहित अन्य गांवों की तीन हजार की आबादी लाभांवित होगी वार्ड मेंबर पवन कुमार ने बताया कि लोनिवि को कई बार सड़क बनाने के लिए मांगपत्र दिया गया है
लेकिन अभी तक विभाग की ओर से उपरोक्त सड़क का कार्य शुरू नहीं किया गया है। इसको लेकर लेेगों में रोष है।लोनिवि के सहायक अभियंता मीत कुमार ने बताया कि कोहलड़ी से धामग्रां तक सड़क की डीपीआर बन चुकी है। लोगों द्वारा निजी भूमि ना दिए जाने की वजह से सड़क नहीं बन पाई है।
from HIM NEWS
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